साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट! राष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री का इस्तीफा किया स्वीकार

0
15
साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट! राष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री का इस्तीफा किया स्वीकार

South Korea Defense Minister Resignation: साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने गुरुवार यानी आज अपने रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. बताया जा रहा है कि यह इस्तीफा एक विवादास्पद मार्शल लॉ (सैन्य कानून) की घोषणा के बाद आया जिसने सियोल की सड़कों पर सशस्त्र सैनिकों को तैनात कर दिया था. विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति योन सुक योल और रक्षा मंत्री के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है जिसे अब संसद में रखा जाएगा.

राष्ट्रपति योन सुक योल ने मंगलवार (3 दिसंबर) की रात अचानक एक मार्शल लॉ लागू करने का आदेश दिया था जिससे पूरे देश में तनाव का माहौल बन गया. जानकारी के अनुसार यह मार्शल लॉ केवल छह घंटे तक चला क्योंकि नेशनल असेंबली ने जल्दी ही इसे अस्वीकार कर दिया. विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रपति की अत्यधिक शक्ति का दुरुपयोग करार दिया है और राष्ट्रपति को महाभियोग का प्रस्ताव दिया है.

राष्ट्रपति ने किया रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार 

मार्शल लॉ के आदेश के बाद रक्षा मंत्री किम ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि यह कदम उनके निर्देशों के तहत लिया गया था. इसके बाद किम ने कहा कि सभी सैनिकों ने उनकी हिदायतों का पालन किया और इसका पूरी तरह से जिम्मेदार वह खुद हैं. इसके साथ ही किम ने इस्तीफा देने की पेशकश की जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया.

विपक्षी दलों ने किया राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश
 
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति योन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है. यह प्रस्ताव संसद में एक बार फिर से चर्चा के लिए लाया जाएगा. विपक्षी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति ने देश की संवैधानिक स्थिति को खतरे में डालते हुए सेना का इस्तेमाल किया. हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी, पीपल पावर पार्टी (PPP) ने इस प्रस्ताव के खिलाफ अपना रुख साफ किया है.

क्या महाभियोग प्रस्ताव संसद में पास होगा?

महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने के लिए नेशनल असेंबली में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी जो कि 200 सांसदों के समर्थन से संभव है. विपक्षी पार्टियों के पास 192 सीटें हैं, लेकिन उन्हें पीपीपी के कुछ विधायकों से अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता होगी. हालांकि पीपीपी के आंतरिक विरोध को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रस्ताव संसद में पास हो सकता है.

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ की वापसी

मार्शल लॉ की यह घोषणा दक्षिण कोरिया के लोकतांत्रिक इतिहास में 40 वर्षों बाद हुई थी. 1980 के दशक के बाद जब से दक्षिण कोरिया ने लोकतंत्र की स्थापना की थी तब से ऐसा सैन्य हस्तक्षेप नहीं देखा गया था. इस कदम को लेकर कई लोगों ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक और असमर्थित बताया है.

राष्ट्रपति योन के इस फैसले से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल

राष्ट्रपति योन के इस फैसले ने पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है. अगर महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाता है तो योन संवैधानिक शक्तियों से वंचित हो जाएंगे और प्रधानमंत्री हान डक-सू को राष्ट्रपति की जिम्मेदारियां सौपी जाएंगी. इसके अलावा यह दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक नए राजनीतिक संकट का कारण बन सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में ये देखना होगा कि क्या योन के खिलाफ महाभियोग पारित होता है और इस घटनाक्रम का साउथ कोरिया की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा. माना जा रहा है कि देश के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए यह महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है.

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here