दक्षिण कोरिया में बिगड़े हालात! संसद ने मार्शल लॉ को किया खारिज, सड़कों पर उतरे सैनिक

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South Korea Marshal Law: राष्ट्रपति यूं सूक योल ने मंगलवार (03 दिसंबर, 2024) की रात को मार्शल लॉ की घोषणा कर दी, जिससे दक्षिण कोरियाई लोग स्तब्ध रह गए और सैनिकों की ओर से संसद में घुसने का प्रयास किया गया. सांसदों और प्रदर्शनकारियों ने 1980 के दशक के बाद से देश के लोकतंत्र के लिए सबसे गंभीर चुनौती के खिलाफ विरोध जताया.

1. संसद के अध्यक्ष ने मार्शल लॉ की घोषणा को अमान्य घोषित कर दिया और सांसदों ने इसे अस्वीकार करने के लिए मतदान किया. एक स्थानीय न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि जब तक राष्ट्रपति यूं सुक-योल इसे हटाने का आदेश नहीं देते, तब तक वह मार्शल लॉ को बनाए रखेगी.

2. सेना की ओर से मार्शल लॉ जारी रखने के निर्णय ने और बहस छेड़ दी है, विपक्षी नेता ली जे-म्यांग ने इस कदम की अवैधानिक रूप से निंदा की है और दावा किया है कि इस तरह के शासन के तहत आदेशों का पालन करना कानून का उल्लंघन होगा. ली के बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि मौजूदा परिस्थितियों में मार्शल लॉ अवैध है.

3. ऐलान के महज ढाई घंटे में ही नेशनल असेंबली के 190 सदस्य ने मार्शल लॉ को हटाए जाने को लेकर वोट किया. साउथ कोरिया में इस आदेश के खिलाफ हजारो की संख्या सड़को पर उतर गई है. इसके बावजूद राष्ट्रपति अपने फैसले पर अड़े हैं. आधी रात को वहां हालात इतने बिगड़ गए कि राष्ट्रपति को सड़को पर टैंक उतारने पड़ गए.

4. ब्रिटेन सरकार ने ब्रिटिश लोगों से दक्षिण कोरिया में प्रदर्शनों से बचने का आग्रह किया है और कहा है कि वह स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है. प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के उप प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, “हम सभी ब्रिटिश नागरिकों को सलाह देंगे कि वे अपडेट के लिए ब्रिटेन की यात्रा सलाह पर नज़र रखें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें.”

5. दक्षिण कोरिया के विपक्षी नेता ली जे-म्यांग ने घोषणा की कि राष्ट्रपति यूं सुक-योल और सैन्य कमांडरों द्वारा मार्शल लॉ के संदर्भ में जारी किए गए आदेशों का पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से काम कर रहा होगा. ली ने जोर देकर कहा कि अगर मौजूदा प्रशासन के तहत मार्शल लॉ घोषित किया जाता है, तो इसकी कानूनी वैधता नहीं होगी.

6. ली की टिप्पणी देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच आई है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि असंवैधानिक निर्देशों का पालन करने से व्यक्ति कानून के गलत पक्ष में आ जाएगा. उन्होंने कहा, “ऐसे संदर्भ में लगाया गया मार्शल लॉ अमान्य है. ऐसे आदेशों का पालन करना कानून का उल्लंघन है.”

7. इस घोषणा से सत्तारूढ़ और विपक्षी गुटों के बीच टकराव और बढ़ गया है, जिसमें विपक्षी गुट ने प्रशासन पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने का आरोप लगाया है. ली ने सेना और नागरिकों से कानून के शासन को प्राथमिकता देने का आग्रह किया और मौजूदा सरकार द्वारा आपातकालीन शक्तियों के संभावित दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी.

8. राजनीतिक माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि विपक्षी नेता प्रशासन की कार्रवाइयों और नीतियों को चुनौती दे रहे हैं और उन्हें दक्षिण कोरिया के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा बता रहे हैं.

9. मार्शल लॉ कमांडर पार्क के आदेश में “उन कार्यों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जो उदार लोकतांत्रिक प्रणाली को नकारते हैं या उखाड़ फेंकने का प्रयास करते हैं, जिसमें फर्जी समाचारों का प्रसार, जनमत में हेरफेर और झूठा प्रचार शामिल है.”

10. मार्शल लॉ कमांडर पार्क के आदेश में “उन कार्यों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जो उदार लोकतांत्रिक प्रणाली को नकारते हैं या उखाड़ फेंकने का प्रयास करते हैं, जिसमें फर्जी समाचारों का प्रसार, जनमत में हेरफेर और झूठा प्रचार शामिल है.”

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