ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश के अमेरिकी वस्तुओं पर कथित 74% टैरिफ का हवाला देते हुए इसे ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ नीति का हिस्सा बताया है, जिसका मकसद अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना है. यह कदम बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था, खासकर इसके रेडीमेड गारमेंट (RMG) सेक्टर के लिए करारा झटका माना जा रहा है, जो पहले से ही घरेलू अस्थिरता और वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों से जूझ रहा है.
आखिर ट्रंप के निशाने पर क्यों बांग्लादेश?
ट्रंप की नजर में यह पूरी साझेदारी अमेरिका के हितों के खिलाफ है, और अब बांग्लादेश को इसकी कीमत चुकानी होगी.
35% टैरिफ का क्या होगा असर?
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का आधार इसका गारमेंट सेक्टर है, जो देश की 80% निर्यात आय और 10% जीडीपी का हिस्सा है. यह सेक्टर 40 लाख से अधिक लोगों, खासकर महिलाओं, को रोजगार देता है. अमेरिका बांग्लादेश का सबसे बड़ा एकल निर्यात बाजार है, जहां हर साल 8.4 अरब डॉलर मूल्य के गारमेंट्स और जेनेरिक दवाओं का निर्यात होता है. पहले से मौजूद 15% टैरिफ के साथ नए 35% टैरिफ से कुल टैरिफ 50% के करीब पहुंच गया है, जिससे बांग्लादेशी उत्पादों की कीमत अमेरिकी बाजार में तेजी से बढ़ेगी.
यह संकट न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक भी है. गारमेंट सेक्टर में कार्यरत 60% महिलाएं हैं, जिनके रोजगार ने बांग्लादेश में महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और देर से विवाह जैसे सामाजिक बदलावों को बढ़ावा दिया है. टैरिफ के इस झटके से हजारों महिलाएं बेरोजगार हो सकती हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रेमिटेंस आय पर निर्भर परिवारों पर भारी दबाव पड़ेगा. इससे स्कूल छोड़ने और कम उम्र में शादी जैसे सामाजिक मुद्दे फिर से उभर सकते हैं.
अमेरिका बांग्लादेश को गेहूं, सोयाबीन, मक्का और कपास जैसे कृषि उत्पाद निर्यात करता है. टैरिफ युद्ध के चलते अगर बांग्लादेश जवाबी टैरिफ लगाता है, तो अमेरिकी कृषि उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे स्थानीय किसानों को नुकसान होगा. वहीं, अगर बांग्लादेश अमेरिकी कृषि आयात बढ़ाता है, तो स्थानीय किसानों को सस्ते, सब्सिडी वाले अमेरिकी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ सकती है.
चीन के साथ ‘पंगे’ की कीमत?
बांग्लादेश की हालिया राजनीतिक अस्थिरता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के तहत अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद थी. लेकिन ट्रंप का यह कदम संकेत देता है कि वह क्षेत्रीय राजनीति या कूटनीतिक सद्भावना से ज्यादा व्यापारिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बांग्लादेश की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां, खासकर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में भागीदारी, ट्रंप प्रशासन को नागवार गुजरी हो सकती है. इससे ट्रंप का यह टैरिफ बांग्लादेश के लिए एक ‘सजा’ के रूप में देखा जा रहा है, जो यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियां बढ़ा सकता है.
बांग्लादेश पर आई बड़ी मुसीबत
हालांकि, बांग्लादेश की 85% निर्यात आय गारमेंट सेक्टर से आती है, जिसे तुरंत अन्य बाजारों में स्थानांतरित करना मुश्किल है. अगर बांग्लादेश जवाबी टैरिफ लगाता है, तो ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह और सख्त कदम उठाएंगे. इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और गहरे संकट में फंस सकती है.
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