Shashi Tharoor On Donald Trump: ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मध्यस्थता के विचार को खारिज किया. उन्होंने कहा है कि यह सुझाव देना संभव नहीं है कि दो असमान लोगों के बीच मध्यस्थता की जा सकती है, क्योंकि आतंकवादियों और आतंकवाद के पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है.
‘मध्यस्थता जैसे शब्द को हम नहीं स्वीकार सकते’
शशि थरूर ने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बार-बार किये जा रहे इस दावे के बीच कही कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में मदद की. उन्होंने कहा, “मध्यस्थता एक ऐसा शब्द नहीं है जिसे हम विशेष रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हों. मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों नहीं है. तथ्य यह है कि इसका तात्पर्य यह है कि जब आप ब्रोकर या कुछ और कहते हैं तो आप एक ऐसी समानता की ओर संकेत कर रहे होते हैं जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है.’’
‘आतंकवादियों और उससे पीड़ितों में कोई समानता नहीं’
उन्होंने कहा, “आतंकवादियों और उनके (आतंकवाद के) पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है. आतंकवाद को पनाहगाह मुहैया करने वाले देश और एक ऐसे देश के बीच कोई समानता नहीं है जो एक समृद्ध बहुदलीय लोकतंत्र है. इन मामलों में कोई समतुल्यता संभव नहीं है और इन परिस्थितियों में यह सुझाव देना कि आप दो असमान लोगों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं, संभव नहीं है.’’
ट्रंप ने 10 मई को जब सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में रात भर हुई वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम के लिए सहमत हो गए हैं. उस दावे के बाद से उन्होंने 12 से अधिक बार अपने दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में मदद की है.
थरूर ने बताया कि अमेरिका की क्या भूमिका होगी?
ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा है कि यदि वे संघर्ष बंद कर दें तो अमेरिका उनके साथ बहुत सारा व्यापार करेगा. यह पूछे जाने पर कि वह संघर्ष में अमेरिकी भूमिका को किस प्रकार परिभाषित करेंगे, थरूर ने कहा कि वे कुछ हद तक अनुमान लगा रहे हैं कि अमेरिका की भूमिका सबसे पहले पूरी जानकारी रखने और दोनों पक्षों के बीच बातचीत करने की रही होगी. निश्चित रूप से मेरी सरकार को अमेरिकी सरकार की ओर से उच्च स्तर पर कई कॉल आई और हम उनकी चिंता और उनकी रुचि की सराहना करते हैं.’’
‘पाकिस्तान को फोन किया होगा अमेरिका’
उन्होंने कहा कि उसी समय अमेरिका ने पाकिस्तान को उच्चतम स्तर पर इसी तरह की कॉल की होगी और हमारा अनुमान है कि इसी पक्ष को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए मनाने की जरूरत थी, लेकिन यह मेरा अनुमान है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने पाकिस्तानियों से क्या कहा. ट्रंप ने अपने इस दावे को गुरुवार (6 जून 2025) को भी दोहराया था. उन्होंने ओवल ऑफिस में जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ बैठक के दौरान कहा था कि उन्हें बहुत गर्व है कि वह परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोक सकें.
राहुल गांधी दे रहे ‘नरेंदर सरेंडर’ का नारा
इन दिनों लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ सीजफायर में ट्रंप के दावों का को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. उन्होंने कहा, ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए. कांग्रेस पार्टी सरेंडर नहीं होती है. महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल ये सरेंडर वाले लोग नहीं हैं, बल्कि सुपरपावर से लड़ने वाले लोग हैं
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