India-Afghanistan Relations: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बीच फोन पर बातचीत हुई. यह बातचीत गुरुवार (15 मई, 2025) को हुई. भारत के विदेश मंत्री और अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के मंत्री के बीच यह बातचीत पहली बार हुई है.
इस बातचीत के दौरान अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्ताकी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. मुत्ताकी के इस कदम की भारतीय विदेश मंत्री ने सराहना की और एक्स पर लिखा कि “मुत्ताकी ने झूठी और निराधार रिपोर्ट के आधार पर भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के ताजा प्रयासों को मजबूती से खारिज किया, जिसका मैंने स्वागत किया.”
डॉ. जयशंकर के अफगानी कार्यवाहक विदेश मंत्री से बातचीत के कई मायने
यह बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है और अफगानिस्तान-पाकिस्तान की दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि भारत ने अभी तक अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. लेकिन बदलते समीकरण के बीच भारत के विदेश मंत्री का अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से बातचीत के कई मायने निकलते हैं.
Good conversation with Acting Afghan Foreign Minister Mawlawi Amir Khan Muttaqi this evening.
Deeply appreciate his condemnation of the Pahalgam terrorist attack.
Welcomed his firm rejection of recent attempts to create distrust between India and Afghanistan through false and…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 15, 2025
पाकिस्तान के साथ रिश्ते तल्ख, लेकिन अफगानी नागरिकों का भारत से संबंध मधुर
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है, वो चाहे दोनों के बीच सीमा विवाद हो या फिर अन्य मसले. वहीं, भारत अफगान नागरिकों की भलाई के लिए हमेशा से खड़ा रहा है, फिर चाहे परिस्थितियां चाहे जैसी भी रही हों. भारत ने अफगानिस्तान की आम जनता के साथ अपने संबंध मधुर रखे. तालिबान की सत्ता में आने से पहले भारत ने अफगानिस्तान में बड़ा निवेश किया है, जिसमें सड़क, अस्पताल, बिजली जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं.
इससे पहले भारत और अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के बीच जनवरी, 2025 में दुबई में बातचीत हुई थी. इस मुलाकात में भारत के विदेश सचिव और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री शामिल थे. इससे पहले भी काबुल में कुछ मुलाकातें हुई हैं, लेकिन जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई है.
भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते देखकर पाकिस्तान की बढ़ सकती है चिंता
लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान की सरकार अफगानी लोगों के विरोध में खड़ी नजर आ रही है, तमाम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बड़ा विवाद है. उन सब के बीच यह बातचीत बताती है कि इस क्षेत्र को लेकर भारत की रणनीति बदल सकती है. भारत मानवीय सहायता तो लगातार भेजता रहा है, ताकि वहां की जनता को मदद पहुंच सके, लेकिन इस बार की यह बातचीत पाकिस्तान की चिंता जरूर बढ़ा सकती है.
अब देखना यही होगा कि आगे चलकर भारत और अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के बीच क्या बातचीत होती है और क्या नतीजा निकलता है. लेकिन एक बात साफ है कि यह बातचीत पाकिस्तान को रास नहीं आई होगी.
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