Russia-Ukraine Ceasefire: अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने की पहल में जुट गए और आखिरकार यूक्रेनी राष्ट्रपति पर दबाव बनाकर उन्हें 30 दिनों के सीजफायर के लिए तैयार कर लिया. अब डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे, जिसके बाद सीजफायर का ऐलान किया जाएगा. हालांकि ये ट्रंप के लिए इतना आसान नहीं होगा क्योंकि रूसी सेना ने यूक्रेन में काफी बढ़त बनाई है, इसलिए पुतिन ट्रंप के सामने कई ऐसी शर्तें रख सकते हैं जिन्हें जेलेंस्की से पूरी करवा पाना मुश्किल हो सकता है.
पुतिन अस्थायी सीजफायर की संभावना को पहले भी बार-बार खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि इससे यूक्रेन और उसके सहयोगियों को लाभ होगा क्योंकि उन्हें अपने हथियारों की आपूर्ति का समय मिल जाएगा. अब देखना होगा कि ट्रंप उन्हें कैसे मनाएंगे. हालांकि ट्रंप ने पुतिन को धमकी भी दी है कि अगर उन्होंने अमेरिकी की बातें नहीं मानी तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
सीजफायर के लिए पुतिन की क्या हैं शर्तें?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अभी भी वही शर्तें हैं जो 24 फरवरी, 2022 को उन्होंने आक्रमण शुरू करते हुए रखी थीं. इनमें यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होने देने, उसकी सेना में कटौती और जिन चार क्षेत्रों में रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है, वहां से कीवी सैनिकों को हटाना शामिल है. रूसी अधिकारियों की ओर से ये भी कहा गया है कि संभावित शांति समझौते में रूसी संपत्तियों से कब्जा छोड़ने और अन्य अमेरिकी और यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों को हटाना शामिल होना चाहिए. अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने प्रतिबंधों में संभावित राहत की बात रखी थी. बता दें कि पुतिन ने लगातार संकट की मूल वजहों को दूर करने की बात कही है. दरअसल रूस की सीमाओं के पास नाटो ने सेनाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है, जिसे हटाने की बात क्रेमलिन हमेशा करता रहा है.
पुतिन सीजफायर के लिए मानेंगे?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पुतिन रूसी इंटेलिजेंस एजेंसी केजीबी में रह चुके हैं. इसलिए उन्हें कूटनीति बहुत अच्छी तरह आती है. वह जानते हैं कि ट्रंप को कैसे उलझाया रखा जा सकता है. उनका कहना है कि पुतिन सीजफायर के प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज नहीं करेंगे, बल्कि रूसी फायदे वाली कुछ शर्तें जोड़ सकते हैं. फिलहाल यूक्रेनी राष्ट्रपति के सहमत होने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जानना चाहते हैं कि इस पर पुतिन का रुख क्या है. क्या वह 30 दिनों के सीजफायर के लिए सहमत होंगे? बताया जा रहा है कि ट्रंप के विशेष दूत जल्द ही मास्को जाएंगे और पुतिन के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखेंगे. अब सबकी नजरें पुतिन के अगले कदम पर बनी हुई हैं.
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