Russia-Pakistan Relations : पाकिस्तान इन दिनों रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में लगा है. रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर वी. फोमिन की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय रूसी प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के दौरे पर निकला है. 29 अक्टूबर (मंगलवार) को रूस के उप सुरक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर वी. फोमिन ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पाकिस्तान की तीनों सेना प्रमुखों के साथ अलग-अलग मुलाकात की.
इस मुलाकात में रूस और पाकिस्तान ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में परस्पर एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा था. रूस की मेजबानी में कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन 2024 पाकिस्तान को न्योता तक नहीं मिला था. हालांकि ब्रिक्स सम्मेलन के कुछ दिनों बाद ही रूसी प्रतिनिधिमंडल का पाकिस्तान दौरा चर्चा का विषय बन गया है.
क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी हितों के मुद्दे पर की चर्चा
रूस और पाकिस्तान की इस बैठक पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर)’ ने एक बयान जारी किया है. इस जारी बयान में बताया गया कि ‘सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के अगुवाई में रूस के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा औऱ आपसी हितों के मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया. इसमें द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई है.’
वहीं, जनरल असीम मुनीर ने रूस के साथ अपने पारंपरिक रक्षा संबंधों को मजूबत करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया. जारी बयान में बताया गया कि इस बैठक में संयुक्त सैन्य अभ्यास और पीएएफ उपकरणों के लिए तकनीकी सहायता से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के नए तरीकों पर भी गहन विचार विमर्श किया गया.
रूस और पाकिस्तान की मुलाकात से भारत को कितनी चिंता
हाल के समय में रूस और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक रूप से आगे बढ़े हैं. बिजनेस रिकॉर्डर के रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच वार्षिक द्विपक्षीय बिजनेस में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. जो कि 1 बिलियन डॉलर की अधिक हो गई है.
एक साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस आर्थिक संकट से घिरने लगा था. पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए सैक्शन्स के कारण आर्थिक संकट से घिरा रूस इस समस्या से निपटने के लिए अब नए सहयोगियों की तलाश में है.
वहीं, एक रूसी अधिकारी ने बिजनेस रिकॉर्डर को जानकारी दी कि पिछले साल रूसी कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर पहुंची. 2023 के अंत तक पाकिस्तानी को रूसी निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 20 फीसदी से अधिक हो गई है. उल्लेखनीय है कि भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है और रूस ने पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई रक्षा समझौता नहीं किया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन सके.
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