Sergey Lavrov on RIC Troika Format: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार (29 मई, 2025) को कहा कि मॉस्को रुस-भारत-चीन (RIC) फॉर्मेट के तहत गतिविधियों को फिर से शुरू करने में अपनी रुचि रखता है.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव यूराल पर्वतों के बीच बसे शहर पर्म में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक और राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. यह सम्मेलन यूरेशिया में सिक्योरिटी और को-ऑपरेशन को लेकर एक सिंगल और इक्विटेबल सिस्टम को बनाने आयोजित की गई थी. यूराल पर्वतों के बीच बसा पर्म शहर उस जगह पर स्थित है जहां यूरोप की सीमा एशिया के साथ मिलती है.
RIC ट्रोइका फॉर्मेट को लेकर क्या बोले रूसी विदेश मंत्री
TASS के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्री ने कहा, “मैं इस बात की पुष्टि करना चाहता हूं कि हम ट्रोइका रूस-इंडिया-चीन फॉर्मेट के तहत जल्द से जल्द फिर से अपनी सक्रियता में रुचि रखते हैं. इसकी स्थापना कई सालों पहले रूस के पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रीमाकोव की पहल पर हुई थी. इस फॉर्मेट के स्थापना के बाद से अब तक करीब 20 बार से ज्यादा मंत्री स्तर की बैठकें आयोजित हो चुकी है. ये बैठकें न सिर्फ विदेश नीति के प्रमुखों के स्तर से संपन्न हुईं, बल्कि इसमें तीनों देशों की आर्थिक, व्यापारिक और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के स्तर पर बैठकें आयोजित हुई हैं.”
उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं समझता हूं कि आज की तारीख में भारत और चीन के बीच सीमा पर स्थिति को शांत करने के लिए एक सहमति बन चुकी है और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस RIC ट्रोइका को फिर से सक्रिय किया जाए.”
रूसी विदेश मंत्री ने NATO पर लगाया आरोप
इसके अलावा, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने NATO पर भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आज नाटो खुले तौर पर भारत को चीन के खिलाफ साजिशों में शामिल करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा, “मैं यह बात भारत के साथ हुई गोपनीय वार्ता के आधार पर कह रहा हूं कि मुझे इस बात पर कोई शक नहीं है कि हमारे भारतीय दोस्त और हम इस प्रवृति को स्पष्ट रूस से देख रहे हैं, जिसे वास्तव में उकसावे की एक बड़ी कार्रवाई कहा जा सकता है.”
गलवान सैन्य विवाद के बाद RIC ट्रोइका हुई स्थगित
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच साल 2020 में गलवान घाटी में हुए सैन्य विवाद के बाद से RIC ट्रोइका को स्थगति कर दिया गया है. हालांकि, अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की आवश्यकता जताई थी.
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