उत्तर कोरिया को मिल गई भारत वाली ‘आसमानी आंख’, पास फटकने की गलती नहीं करेगा अमेरिका! किम जोंग का मास्टरस्ट्रोक

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उत्तर कोरिया को मिल गई भारत वाली ‘आसमानी आंख’, पास फटकने की गलती नहीं करेगा अमेरिका! किम जोंग का मास्टरस्ट्रोक

Last Updated:March 30, 2025, 12:58 IST

North Korea AWACS: उत्तर कोरिया ने IL-76 बेस्ड पहला AWACS विमान प्रदर्शित किया, जो 360 डिग्री निगरानी में सक्षम है. किम जोंग उन ने इसकी क्षमताओं का निरीक्षण किया. यह विमान दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को दूर स…और पढ़ें

उत्तर कोरिया ने दुनिया के सामने रखा AWACS.

हाइलाइट्स

  • उत्तर कोरिया ने पहला AWACS विमान प्रदर्शित किया
  • किम जोंग उन ने विमान की क्षमताओं का निरीक्षण किया
  • AWACS विमान 360 डिग्री निगरानी में सक्षम है

प्योंगयांग: उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए दिन-रात एक कर रहा है. अब उसने दुनिया को अपनी नई ताकत दिखा दी है. एक नए वीडियो ने खुलासा किया है कि किम जोंग उन के पास अब ‘आसमानी आंख’ यानी हवाई चेतावनी और नियंत्रण (AEW&C) विमान है. इसे AWACS भी कहा जाता है. उत्तर कोरिया ने इसके अलावा एक AI टेक्नोलॉजी से लैस कामिकेज ड्रोन यानी सुसाइड ड्रोन दुनिया के सामने रखा. यह खबर अमेरिका के लिए खतरे की घंटी बजाने वाली है. उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी चैनल पर किम जोंग उन को इस AWACS विमान के अंदर का जायजा लेते दिखाया गया. उत्तर कोरिया का यह विमान कोई मामूली खिलौना नहीं है. इस विमान में रडार लगा होता है.

हवा में उड़ता यह रडार दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को दूर से ही भांप सकता है. इसकी नजर मौजूदा रडार की सीमा से काफी आगे तक जा सकती है, जिससे यह जंग के मैदान में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. उत्तर कोरिया की ओर से यह पहला AWACS विमान का प्रदर्शन है, जो संभवतः IL-76 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर आधारित है. आमतौर पर, रूस इस प्लेटफॉर्म का A-50 नामक AWACS संस्करण विकसित करता है, जिसका आधुनिक वेरिएंट A-50U है.

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उत्तर कोरिया के AWACS विमान में जाते किम जोंग उन. (Reuters)

भारत के पास भी है आसमानी आंख

IL-76 आधारित AWACS को मूल रूप से रूस ने विकसित किया था, और यह कई देशों के लिए एक सफल मॉडल रहा है. विमान के ऊपर एक बड़ा रडार डोम (Radome) लगा होता है, जिसमें संभवतः तीन रडार शामिल हैं. यह 360 डिग्री निगरानी करने में सक्षम हैं. किम जोंग उन ने कहा कि यह विमान खतरे को ट्रैक करेगा और जंग के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी इकट्ठा करेगा. एक तस्वीर में किम को इस विमान में उड़ान भरते और इसकी क्षमताओं पर ब्रीफिंग लेते हुए दिखाया गया है. चीन KJ-2000 का संचालन करता है, जबकि भारत के पास IL-76 बेस्ड ‘नेत्र’ AWACS मौजूद है.

उत्तर कोरिया ने दुनिया को दिखाई ताकत. (Reuters)

उत्तर कोरिया ने कब बनाया विमान?
एक तस्वीर में देखा गया कि विमान में सात वर्कस्टेशन हैं. जो किसी बड़े देश के AWACS जैसा लग रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक विमान 2023 के अंत में बनना शुरू हुआ और 2025 की शुरुआत में इस पर राडोम लगा. पश्चिमी एक्सपर्ट्स को उत्तर कोरिया की इस ताकत पर संदेह है. उनका मानना है कि किम जोंग उन चमक-दमक वाला ढांचा दिखाने में माहिर हैं. लेकिन उसकी असली क्षमता अभी भी संदिग्ध है. द वार जोन की रिपोर्ट के मुताबिक यह भी साफ नहीं है कि इस विमान का विकास और निर्माण में रूस-चीन या दोनों ने किस तरह मदद दी. उत्तर कोरिया के पास सिर्फ एक AWACS है, जिस कारण 24 घंटे निगरानी मुश्किल है. लेकिन इसके बावजूद यह उत्तर कोरिया की हवाई रक्षा के लिए बड़ा कदम है.

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