Rajnath Singh in China: गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन्ग जून से मुलाकात की है. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन (25-26 जून) से इतर, चीन के चिंगदाओ में राजनाथ सिंह ने एडमिरल जून से मुलाकात कर वास्तविक निंयत्रण रेखा (LAC) के स्थायी समाधान पर जोर दिया.
शुक्रवार (27 जून) को भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से एक जारी किया गया है. बयान के मुताबिक, दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर गहन विचार-विमर्श किया.
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए जघन्य आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के उद्देश्य से भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी.
भारत-चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी विवादित सीमा
चीनी रक्षा मंत्री से वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने सीमा प्रबंधन पर जोर देते हुए इस मुद्दे पर स्थापित तंत्र को फिर से सक्रिय करते हुए सीमा पर सीमांकन के स्थायी हल का समर्थन किया. दरअसल, भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी विवादित एलएसी (सीमा) है. पूर्वी लद्दाख से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश तक ये सीमा फैली हुई है. लेकिन, 1962 के युद्ध के बाद से ही ये सीमा विवादित है.
गलवान घाटी की झड़प के बाद राजनाथ सिंह की चीन यात्रा महत्वपूर्ण
साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी की विवादित गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी. झड़प के बाद से ही एलएसी पर तनाव बढ़ गया था और दोनों देशों ने अपने-अपने 50 हजार सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में तैनात कर दिया था.
मिलिट्री कमांडर्स की लंबी दौर की बातचीत, डिप्लोमेसी और राजनीतिक स्तर पर पहल के बाद आखिरकार अक्टूबर, 2024 में भारत और चीन ने डिसएंगेजमेंट करार करते हुए विवाद खत्म करने का फैसला लिया था. ऐसे में दोनों देशों के सैनिक विवादित इलाकों से पीछे हट गए हैं. ऐसे में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का चीन दौरा और चीनी समकक्ष से वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है.
रक्षा मंत्री की यात्रा पर NSA ने चीनी विदेश मंत्री से की थी मुलाकात
खास बात यह है कि राजनाथ सिंह के दौरे से ठीक पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भी चीन का दौरा किया था और उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ ने चीनी रक्षा मंत्री जून के साथ एशिया और दुनिया में स्थिरता के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए अच्छे पड़ोसी हालात बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. रक्षामंत्री ने जमीनी स्तर पर कार्रवाई करके 2020 के सीमा गतिरोध के बाद उत्पन्न अविश्वास को दूर करने का भी आह्वान किया.
भारत और चीन के मंत्रियों ने विभिन्न स्तरों पर की बातचीत
दोनों मंत्रियों ने वर्तमान व्यवस्थाओं के माध्यम से सैनिकों की वापसी, तनाव कम करने, सीमा प्रबंधन और अंततः सीमांकन से संबंधित मुद्दों पर प्रगति हासिल करने के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.
रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूर्ण होने की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर भी विचार व्यक्त किए. उन्होंने पांच वर्ष के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुन: शुभारंभ होने की भी सराहना की. मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को एक मधुबनी पेंटिग भी तोहफ में दी.
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