बंटवारे के बाद भी सेक्‍युलर था पाकिस्‍तान, जानें कब बना था इस्‍लामिक राष्‍ट्र

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Pakistan Islamic Republic: 15 अगस्त 1947 को भारत एक आजाद मुल्क के तौर पर दुनिया के नक्शे पर उभरा. अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारत एक राष्ट्र के रूप में सामने आया. हालांकि, मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग की मांग पर मुसलमानों के लिए एक अलग देश बना, जिससे हिंदुस्तान के दो टुकड़े हो गए. पाकिस्तान को भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त 1947 को आजाद घोषित कर दिया गया. जब से पाकिस्तान आजाद हुआ है, तब से वहां के हालात में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है.

लंबे समय तक सेक्युलर देश रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान आजाद होने के बाद लंबे समय तक सेक्युलर देश रहा था. मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के गठन के बाद केवल 13 महीने जीवित रहे. उनके कार्यकाल में कानून मंत्री हिंदू थे. आजादी के करीब 9 साल बाद 23 मार्च 1956 को इसे आधिकारिक तौर पर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान नाम दिया गया. इसी के साथ इस्लाम को पाकिस्तान का आधिकारिक धर्म घोषित किया गया. पाकिस्तान बनने के बाद जिन्ना खुद इस असमंजस में पड़े थे कि उन्हें मुस्लिम या लोकतंत्र राष्ट्र में क्या चाहिए.

पाकिस्तान के आजाद होने के बाद से ही अल्पसंख्यकों पर जुल्म किए जाते रहे. बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान में हिंदू समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमले की कई खबरें सामने आई हैं. इतना ही नहीं पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों की संख्या कम ही होती जा रही है.

पड़ोसी मुल्क में कई बार कुचला गया संविधान

पाकिस्तान को संविधान मिलने के बाद भी उसे कई बार कुचला गया. पड़ोसी मुल्क में पहला संविधान मिलने के बाद भी राजनीतिक खींचतान जारी रही. साल 1958 में पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा ने देश के संविधान को निलंबित कर मार्शल लॉ लगा दिया था. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लेखक और विश्लेषक लतीफ हमदानी के अनुसार मोहम्मद अली जिन्ना के बाद जिन लोगों ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली उनके पास वोट की शक्ति नहीं थी, इसलिए उन्होंने इस्लाम का सहारा लिया.

आबादी के लिहाज से हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं. सिंध इलाके में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक क्वेटा हिंदू पंचायत के अध्यक्ष राज कुमार ने मांग की है कि स्कूलों में इस्लामी शिक्षा की जगह अगर नैतिकता का पढ़ाई जाए तो बेहतर होगा.

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