पाकिस्तान स्पेस भेज रहा एस्ट्रोनॉट तो पाक एक्सपर्ट ने याद दिलाए भारत के मिशन

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पाकिस्तान पहली बार अपने एस्ट्रोनॉट स्पेस भेज रहा है. वह चीन के साथ एक मिशन पर कम कर रहा है. शुक्रवार (28 फरवरी, 2025) को पाक के स्पेस एंड अपर एटमॉस्फेयर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) और चीन की चाइना मैन स्पेस एजेंसी (CMSA) के बीच एग्रीमेंट हुआ जिसके तहत दोनों देशों के एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाएंगे और चाइनीज स्पेस स्टेशन पर बायोलॉकिल, मेडिकल साइंस, एयरोस्पेस, अप्लाइड फिजिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स, स्पेस रेडिएशन, इकोलॉजी समेत कई क्षेत्रों से जुड़ी रिसर्च करेंगे. इसे लेकर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने भारत का जिक्र किया और कहा कि इंडियंस अंतरिक्ष में इतना कुछ कर चुके हैं इसलिए पाकिस्तान को भी लगा कि इस तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि इंडियंस ने 2008 मे चंद्रयान भेजा था, जो उनका पहला लूनार मिशन था. ये बहुत बड़ी अचीवमेंट थी. फिर उन्होंने नासा की मून मिनरलॉजी मैपर (M3) ली, जो इमेजिंग स्पेकट्रोमीटर है, जिसने चांद पर पानी के खनिजों की खोज में मदद की.  उन्होंने कहा कि 2019 में चंद्रयान 2 भेजा और 2023 में चंद्रयान-3 भेजा. अब पाकिस्तान ने ये महसूस किया कि इंडिया खुद को बहुत आगे ले गया है.  इंडिया अपनी लार्जर स्पेस बना रहा है. 

कमर चीमा ने कहा, ‘अब पाकिस्तान ये सोच रहा है कि हम कोई बहुत बड़ी तीस मार खां चीज कर रहे हैं क्योंकि इससे हम टेक्नोलॉजी इनोवेशन की ओर बढ़ रहे हैं. हमारी कपैसिटी बढ़ रही है. इंडिया ने साल 2013 में मंगलयान, मार्स ऑर्बिटर मिशन लॉन्च किया था और इसी तरह 2025 में गगनयान लॉन्च करने की तैयारी है. ये पहला ह्यूमन स्पेशलिस्ट मिशन है, जिसमें इंडियन एस्ट्रोनॉट जाएंगे.’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समझ रहा है कि ये चीजें करना जरूरी हैं क्योंकि इंडिया कर रहा है. इंडिया सूर्य की स्टडी के लिए मिशन आदित्य भी लॉन्च कर चुका है. पाकिस्तान समझ रहा है कि चाहे चीन की मदद से ही जाएं, लेकिन चले तो गए ना. आप भी कह सकते हैं कि हम भी स्पेस में गए. किस तरह गए वो एक अलग बात है. इस तरह पाकिस्तान का यूथ मोटिवेट होगा. पाकिस्तान का एक एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम बनेगा.’

कमर चीमा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की मदद के लिए चीन के अलावा कोई आगे नहीं आने वाला. सिर्फ चीन की मदद से ही वह ये काम कर सकते हैं. शहबाज शरीफ ने भी इसके लिए चीन की काफी तारीफ की है. पाक एक्सपर्ट ने कहा कि अमेरिका, बरतानिया, ब्रिटेन सारे वेस्टर्न मुल्क भारत का सपोर्ट करते हैं. पाकिस्तान के लिए सिर्फ एक ही मुल्क रह गया है, वो है चीन या मिलिट्री एड के लिए तुर्किए है.

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के दो एस्ट्रोनॉट चीन के एस्ट्रोनॉट्स ऑफ चाइना में ट्रेनिंग करेंगे और उनमें से एक एस्ट्रोनॉट सेलेक्ट होगा और वह साइंटिफिक पेलोड स्पेशलिस्ट होगा, उसको चाइनीज स्पेस स्टेशन (CSS) भेजा जाएगा. वहां पर जाकर स्पेशलाइज्ड रिसर्च होगी और ये सेलेक्शन प्रोसेस जब 2026 में खत्म होगा और फिर मिशन पर भेजा जाएगा.

 

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