Pakistan Muslim Woman Khatna: दुनियाभर के विभिन्न धर्मों में अनेक प्रथाएं प्रचलित हैं. इनमें कुछ प्रथाएं सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से लाभकारी मानी जाती हैं तो कुछ प्रथाएं लोगों के लिए दर्द का कारण बन जाती हैं. ऐसी ही एक प्रथा है जिसे खतना कहा जाता है, जो महिलाओं के लिए एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है. इस मुद्दे पर अल जजीरा ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्होंने मरियम (काल्पनिक नाम) नाम की महिला का इंटरव्यू लिया. उसने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए सारी कहानी बताई. मरियम ने बताया कि आज से 20 साल पहले जब वो महज 7 साल की थी. तब उसका खतना किया गया था, जिसे वो आज तक नहीं भूल पाई है.
मरियम बताती है कि वो जब 7 साल की थी तो वो अपने चचेरे भाई की जन्मदिन की पार्टी में जाने के लिए उत्साहित थी. उसकी मां ने उसे गुलाबी पोशाक पहनाई थी और बालों को तितली क्लिप से सजा कर चोटी बनाई थी. हालांकि, पार्टी के बजाय उसकी मां ने उसे एक जर्जर इमारत में ले गईं, जहां एक मेटल की टेबल रखी हुई थी और दीवारें उखड़ी हुई थीं. वहां, एक बूढ़ी औरत ने मरियम को पकड़कर टेबल पर बिठाया और खतना की दर्दनाक प्रक्रिया शुरू की. यह दर्द भूलने लायक नहीं था और अगले 20 मिनट ने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया.
दो दशक बाद का संघर्ष
आज 27 वर्षीय मरियम, जो Female Genital Mutilation (FGM) की शिकार है. उस दर्दनाक अनुभव के मानसिक और शारीरिक निशान अपने साथ लिए हुए हैं. मरियम कहती हैं, “मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरे शरीर का एक हिस्सा छीन लिया गया है, और वह मेरी भावनात्मक और यौन प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है.” मरियम पाकिस्तान के दाऊदी बोहरा समुदाय से हैं, जहां FGM एक आम प्रथा है. पाकिस्तान में लगभग 75-85 फीसदी बोहरा महिलाएं FGM से गुजरती हैं, लेकिन यह प्रक्रिया गुप्त रखी जाती है, जिससे इसके बारे में जानकारी और चर्चा बहुत सीमित होती है.
एक स्थायी प्रथा का विरोध
मरियम की तरह आलिया (काल्पनिक नाम) भी FGM की शिकार हैं. वह बताती हैं कि कैसे इस प्रक्रिया ने उसे गहरे घाव दिए हैं. यह एक बुरे सपने जैसा था. FGM के कारण लड़कियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, और यह एक महिला की कामुकता को दबाने का एक साधन माना जाता है.
FGM के स्वास्थ्य जोखिम
चिकित्सक बताते हैं कि FGM से महिलाओं को प्रजनन संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है. कराची के जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर में स्त्री रोग विशेषज्ञ आसिफा मल्हान कहती हैं कि यह प्रथा स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. इसके अलावा, इससे महिलाओं में यौन सुख की कमी और यौन संबंधों के दौरान दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
सांस्कृतिक बाधाओं का सामना
पाकिस्तान में FGM को रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है. आज तक किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई है. दाऊदी बोहरा समुदाय में इसे एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान के रूप में देखा जाता है, जो पीढ़ियों से चला आ रहा है.
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