Agency:News18Hindi
Last Updated:February 05, 2025, 10:38 IST
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा एक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिसमें हमास की भागीदारी भारत के लिए चिंता का विषय है. भारत ने अभी तक हमास को आतंकी संगठन घोषित नहीं किया ह…और पढ़ें
पीओके में होने वाली एक आतंकी कॉन्फ्रेंस में हमास के नेता शामिल होंगे. (AP)
इस्लामाबाद: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम हो गया है. इसके बाद हमास अब ऐसा कुछ करने जा रहा है जो भारत के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में एक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है, जिसमें हमास के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. जैश ए मोहम्मद का चीफ आतंकी मसूद अजहर है. कार्यक्रम की जगह रावलकोट होगा जो आतंकियों के लिए लॉन्चिंग पैड है. हमास नेताओं के पोस्टर यहां लगे हैं. जम्मू-कश्मीर में लगातार सैन्य दबाव के बाद JeM काफी कमजोर हो चुका है, जिस कारण अब उसे हमास से मदद लेनी पड़ रही है. पीओके के साबिर शहीद स्टेडियम में ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड अल अक्सा फ्लड’ कॉन्फ्रेंस के नाम से 5 फरवरी को एक मीटिंग की जा रही है.
हमास के नेताओं की पीओके में मौजूदगी भारत के लिए टेंशन वाली बात है. सवाल उठता है कि क्या अब समय आ गया है कि भारत को भी हमास को एक आतंकी संगठन घोषित कर देना चाहिए. दरअसल भारत सरकार ने अभी तक हमास को एक आतंकी संगठन नहीं माना है. इजरायल बार-बार भारत से यह मांग करता रहा है कि उसे हमास को एक आतंकी संगठन मानना चाहिए. साल 2023 में इजरायल ने एक ऐसी ही मांग करते हुए भारत में 26/11 हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकी संगठन घोषित किया था.
हमास और लश्कर-ए-तैयबा में हुई थी मीटिंग
पिछले साल अगस्त में हमास और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्ला खालिद के बीच मीटिंग हुई थी. कतर की राजधानी दोहा में हमास नेता खालिद मेशाल के साथ मीटिंग को लेकर भारत अलर्ट पर था. सैफुल्ला खालिद को 2018 में अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की ओर से आतंकी नामित किया गया था. इस मुलाकात को लेकर कहा गया था कि ईरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या पर अपनी संवेदना जताने के लिए मेशाल से मुलाकात की थी. सैफुल्ला लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी है.
इजरायल-हमास में सीजफायर
इजरायल और हमास के बीच लगभग 15 महीने चले युद्ध के बाद जनवरी की शुरुआत में युद्धविराम हो गया. सीजफायर के बीच इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका पहुंचे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली यात्रा है. इस दौरान एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने एक बेहद विवादित बयान दिया है. ट्रंप ने कसम खाई है कि अमेरिका युद्ध से तबाह हो चुके गाजा पर ‘कब्जा’ कर लेगा और अमेरिका का अधिकार होगा. हम वहां मौजूद हर बम जो नहीं फटा है उसे खत्म करेंगे.’ ट्रंप का यह एक और विस्तारवादी बयान माना जा रहा है. ट्रंप पहले पनामा नहर, ग्रीनलैंड पर कब्जे के साथ-साथ कनाडा को देश का 51वां राज्य बनाने की बात कह चुके हैं.
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February 05, 2025, 10:38 IST
भारत के दरवाजे पर हमास की दस्तक, लश्कर-जैश संग कौन कर रहा गुपचुप मीटिंग
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