पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने बताया कि उनकी सरकार ने कश्मीर मुद्दे को भारत के साथ सुलझाने को लेकर बड़ी गलती की थी. उन्होंने कहा कि उस वक्त के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने स्कीम बनाई थी, जिसे इमरान सरकार ने नहीं माना और पाकिस्तान को बड़ा नुकसना झेलना पड़ा.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा के यूट्यूब चैनल पर फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) हुकूमत ने ये गलती की कि जनरल बाजवा की स्कीम नहीं मानी. उन्होंने कहा, ‘मैं तो उसमें शामिल नहीं था, लेकिन मुझे पता है कि कैसे उसको खत्म किया गया पर जनरल बाजवा की जो स्कीम थी वो बहुत विजनरी थी. मैं हमेशा जनरल बाजवा को इस बात के लिए एडमायर करता हूं कि उनका वर्ल्ड व्यू बहुत प्रोग्रेसिव था. मैं समझता हूं कि उस वक्त बहुत बड़ा मौका जाया हुआ हिंदुस्तान के साथ कश्मीर की सेटलमेंट का. जब परवेज मुशर्रफ साहब आगरा गए एक तो तब और यहां पीटीआई ने बहुत बड़ा मौका गंवाया, जब हमने जनरल बाजवा की स्कीम नहीं मानी.’
कमर चीमा ने इस पर कहा कि जनरल बाजवा कहते हैं कि उस वक्त ये फैसला हुआ था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब बलूचिस्तान आएंगे और इमरान खान मोहाली जाएंगे, क्रिकेट मैच देखने के लिए और पीएम मोदी कराची में हाथ लहराएंगे तो चीजें बेहतर हो सकती हैं. फवाद चौधरी ने कहा, ‘हां वो रानी का मंदिर है उधर.’ कमर चीमा ने कहा, ‘मैं बलूचिस्तान के एक सीनेटर से मिला तो उन्होंने बताया कि वहां पर तैयारियां शुरू हो गई थीं. वो कहते हैं कि बाद में हमें पता चला कि यहां पर क्यों इतना पैसा लग रहा है तो पता चला कि मोदी साहब को यहां पर आना है. फिर बात तो यही है कि सियासतदान अपने फायदे के लिए सब करते हैं.’
फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को ऐसी पॉलिसी नहीं बनानी चाहिए, जो कॉमन पाकिस्तानी और कॉमन इंडियन को हर्ट करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार का इंडियन फिल्में बैन करने का फैसला गलत था क्योंकि इससे पाकिस्तानी सिनेमा को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, ‘देखिए मैं तो इंडियन फिल्में बंद करने के हक में नहीं हूं. मैंने 10 बार कहा कि अगर हम इंडियन फिल्में बंद करेंगे तो हम उल्टा अपना सिनेमा बंद कर देंगे. इंडियन फिल्में बंद करके पाकिस्तान ने अपना नुकसान किया. इससे उसका कोई फायदा नहीं हुआ है. मैं कहता हूं कि भारत की एग्रेसिव पॉलिसी को क्रिटिसाइज जरूर करना चाहिए, लेकिन आप वो पॉलिसी न बनाएं जिससे कॉमन इंडियन या पाकिस्तानी हर्ट हो. आपको बैलेंस रखना चाहिए हर चीज में. सारा सिनेमा हमने अपना बंद कर लिया.’
उन्होंने आगे कहा कि हमें कह दिया जाता है कि हम पंजाबियों की बात करते हैं पर फैक्ट ये है कि खैबर पख्तूनख्वा में चीन गिलगित-बलूचिस्तान के जरिए उधर आ जाता है. फिर आपका अफगानिस्तान आ जाता है. उन्होंने कहा कि इसी तरह बलूचिस्तान के साथ ईरान और अफगानिस्तान हैं, लेकिन पंजाब लैंड लॉक्ड है. तो हम इंडिया के साथ ट्रेड नहीं करेंगे तो किससे करेंगे. कराची के पास समंदर है तो हमें तो खुलना पड़ेगा. फवाद चौधरी ने कहा कि 1947 में सबसे ज्यादा पंजाबियों और बंगालियों का ही नुकसान हुआ न, बाकी तो सब इनटैक्ट रह गए.
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