‘मुस्लिम घर में पैदा होने से भी दिक्कत…’, भारतीय मुसलमानों को लेकर क्या बोले पूर्व पाक मंत्री

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‘मुस्लिम घर में पैदा होने से भी दिक्कत…’, भारतीय मुसलमानों को लेकर क्या बोले पूर्व पाक मंत्री

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने आरोप लगाया है कि भारत की बीजेपी सरकार मुसलमानों को अपना विरोधी मानती है और उन्हें तो मुस्लिम परिवार में पैदा होने पर भी दिक्कत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते बेहतर करना चाहता है, लेकिन वहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) हुकूमत में है, जिसकी मुसलमानों को लेकर जो जहनियत है, उसमें कैसे बात की जा सकती है.

फवाद चौधरी इमरान खान सरकार में पाकिस्तान के इनफोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट थे. वह पाक एक्सपर्ट कमर चीमा के यूट्यूब चैनल पर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार मुसलमानों को बर्दाश्त नहीं करती है और उनको अपना विरोधी मानती है.

फवाद चौधरी ने कहा, ‘हिंदुस्तान के साथ अच्छे ताल्लुकात पर पाकिस्तान की आम सहमति है. मैं हूं, आप हो, इमरान खान, आसिफ अली जरदारी सब चाहते हैं कि आम सहमति बने और ताल्लुकात बेहतर होने चाहिए, इसमें कोई दिक्कत नहीं है. दिक्कत ये है कि शहबाज शरीफ और नवाज शरीफ इस पर ध्यान नहीं देते कि भारत में महात्मा गांधी मुखालिफ हुकूमत कर रहे हैं. गोडसे को मारने वाले इस वक्त हुकूमत में हैं. इंडिया इज नोट गांधीज इंडिया, इट्स गोडसेज इंडिया.’

फवाद चौधरी ने कहा, ‘वो मुसलमानों को बर्दाश्त नहीं करते. उनको कोई इससे दिक्कत नहीं है कि कोई मुसलमान पांचों टाइम का नमाजी है या हाजी-नमाजी या मुस्लिम विचार वाला है, वो कहते हैं कि आप मुसलमानों के घर पैदा हुए हो न तो आप हमारे विरोधी हो. मुझे आप बताएं कि ऐसी जहनियत के साथ क्या बात करेंगे. जब इसमें नरमी आएगी तब भारत और पाकिस्तान में ताल्लुकात बेहतर हो जाएंगे.’

उन्होंने फिर कश्मीर के मुद्दे पर बात की और कहा कि पाकिस्तान की आज की जो सरकार है उसमें कश्मीर को लेकर गंभीरता नजर नहीं आती है. वहीं, बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है कि पाकिस्तानी कश्मीर को लेना है. फवाद चौधरी ने कहा, ‘मेरा मानना ये है कि चीजें बेहतर होनी चाहिए अब तो काफी समय हो गया है. नरेंद्र मोदी साहब की पर्सनल लाइकिंग भी है नवाज शरीफ को लेकर और नवाज शरीफ की पीएम मोदी के लिए और भी ज्यादा है. हमारी पाकिस्तान में एक परेशानी हो गई है, वो ये कि हमारे लोगों को लगता ये है कि सारी गलतियां जैसे पाकिस्तानियों ने ही की हुई हैं क्योंकि हिस्ट्री तो किसी ने पढ़ी नहीं है.’

फवाद चौधरी ने कारगिल और सियाचिन का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई कहता है कि कारगिल बहुत बड़ी गलती थी तो भाई सियाचिन क्या था? कारगिल पहले हुआ या सियाचिन? सियाचिन में ज्यादा इलाका गया या कारगिल में? उन्होंने कहा कि कारगिल तो पार्ट था हमारा, चेकपोस्ट जो बाद में उधर चली गई. हमने तो 1965 वॉर में पहले ले ली थी और बाद में चला गया.

फवाद चौधरी ने सियाचिन पर कहा, ‘सियाचिन नोमैनलैंड थी, फिर वहां इंडियन आर्मी आकर बैठ गई. आप ये देखें कि पाकिस्तान एनवायरमेंट का मुद्दा भी नहीं उठाता है. पाकिस्तान को तो पहले ग्लेशियर पर बात करनी चाहिए कि इन्होंने ग्लेशियर सारे तबाह कर दिए, पर कोई इस पर बात नहीं करता क्योंकि इंडिया से डरते हैं.’ उन्होंने कहा कि सिर्फ बिलावल भुट्टो जरदारी इकलौते हैं जो पाकिस्तान के हक की बात को मजबूती के साथ रखते हैं. बाकियों का तो ऐसा लगता है, जैसे उनको कोई लेना-देना ही नहीं है. 

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