Pakistan News: पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन बेकाबू होते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के लिए स्थिति संभालना अब मुश्किल होता दिख रहा है. कराची की मलीर जेल में सोमवार देर रात एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया. जेल में बंद कैदियों ने अचानक हथियार उठा लिए और जेल प्रशासन पर हमला कर दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कैदियों ने जेल परिसर में हिंसा फैलाते हुए मुख्य द्वार को तोड़ने की कोशिश की और बाहर भागने लगे. सुरक्षाकर्मियों और बंदियों के बीच तीखी झड़पें हुईं, जिससे जेल के आसपास का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया. लोग डर के मारे अपने घरों में कैद हो गए. बताया जा रहा है कि इस बड़े पैमाने पर जेल ब्रेक में कुल 216 कैदी फरार हो गए. इस घटना के बाद अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसके दौरान 80 से अधिक कैदियों को दोबारा पकड़ लिया गया, जबकि एक कैदी मारा गया।
गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा इलाका
स्थानीय मीडिया ‘समा टीवी’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बगावत इतनी अचानक हुई कि जेल प्रशासन को संभलने का मौका ही नहीं मिला. जैसे ही कैदियों ने हमला किया, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए जमकर हवाई फायरिंग की. लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में कैदी फरार होने में सफल हो गए.
हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने कैदी भाग निकले हैं. पुलिस ने लगभग 20 से ज्यादा फरार कैदियों को दोबारा पकड़ लिया है. एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल मिला, जिसे तत्काल अस्पताल भेजा गया.
रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल
मलीर जेल से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि रातभर गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं. लोगों को लगा जैसे वे किसी युद्ध क्षेत्र में फंस गए हों. कई लोग पूरी रात भय के साए में अपने घरों में दुबके रहे. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि जेल के पास रहना इतना खतरनाक हो सकता है. गोलियों की आवाजें इतनी तेज थीं कि हम बच्चों को लेकर बिस्तरों के नीचे छिप गए.”
हाईवे सील, सेना की तैनाती
जेल के नजदीक स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) को एहतियातन दोनों ओर से सील कर दिया गया है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों (रेंजर्स) ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है, ताकि किसी और कैदी के भागने की संभावना को खत्म किया जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
जेल डीआईजी हसन सेठो ने बताया कि मलीर जेल को पूरी तरह सील कर दिया गया है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जेल के भीतर कई कैदी और सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं और जेल प्रशासन से सभी कैदियों की संख्या की फिर से गणना करने को कहा गया है.
क्या पाकिस्तान की जेलें भी अब सुरक्षित नहीं?
यह घटना न केवल पाकिस्तान की जेल व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देश के भीतर कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी नाजुक हो चुकी है. मलीर जेल जैसी हाई-सिक्योरिटी जेल में इस तरह की बगावत यह संकेत देती है कि आंतरिक संकट गहरा रहा है. स्थिति पर निगरानी जारी है और उम्मीद की जा रही है कि कैदियों की अंतिम गिनती के बाद इस हिंसक घटना की पूरी सच्चाई सामने आएगी.
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