‘कत्ल कर रही पाक आर्मी! शांतिपूर्ण बलूच प्रदर्शनकारियों पर चला रही गोली’ महरंग बलूच का दावा

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Baloch Activist Mahrang Baloch: बलूचिस्तान की प्रमुख कार्यकर्ता महरंग बलूच ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर क्वेटा में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने का गंभीर आरोप लगाया है. इस घटना में कई लोग घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. महरंग बलूच ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “क्वेटा में पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिससे कई लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई. बलूचिस्तान में राज्य इसी तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया करता है.”

बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन की स्थिति को लेकर हाल ही में जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया. बलूचिस्तान में चल रहे दमन और अत्याचार पर बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के विदेश विभाग के समन्वयक और केंद्रीय समिति के सदस्य नियाज बलूच ने गंभीर चिंता व्यक्त की.

बलूचिस्तान में जबरन गायब होना चिंता का कारण
नियाज बलूच ने बलूच राजनीतिक संगठनों जैसे कि बलूच छात्र संगठन-आज़ाद (बीएसओ-ए) और बीएनएम पर हो रहे दमन का उल्लेख किया, जिसमें संगठन के सदस्यों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया जाता है, परेशान किया जाता है और उनकी आवाज को दबाया जाता है. उन्होंने कहा, “जबरन गायब होना बलूचिस्तान में उत्पीड़न का एक व्यवस्थित साधन बन गया है.” उन्होंने बीएसओ आजाद के केंद्रीय समिति के सदस्य बीबर्ग जेहरी और उनके भाई हम्माल जेहरी सहित कई लोगों के जबरन गायब होने की घटनाओं का उदाहरण दिया.

जबरन गायब होने के हत्याओं का आरोप
नियाज बलूच ने आरोप लगाया कि जबरन गायब होना और न्यायेतर हत्याएं बलूचिस्तान में संकट को और बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य समर्थित समूहों की ओर से इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे बलूच परिवारों को सामूहिक दंड का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बीएसओ आजाद के लापता अध्यक्ष जाहिद बलूच के भाई शाहजहाँ बलूच की क्रूर हत्या का उदाहरण दिया, जिसे उन्होंने बलूच परिवारों पर सामूहिक दंड का प्रतीक बताया.

नियाज बलूच ने यह भी कहा कि मानवाधिकार कार्यकर्ता सईदा बलूच और उनकी बहन को भी कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा, बलूचिस्तान के कंबरनी परिवार के एक दर्जन से अधिक सदस्यों का जबरन गायब होना भी संकट की गंभीरता को उजागर करता है.

बलूच कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संगठनों का दमन
बलूचिस्तान में बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) और बलूच छात्र संगठन-आजाद (बीएसओ-ए) जैसे राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है. जबरन गायब होना, लक्षित हत्याएं, और धमकी जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल करके इन संगठनों को चुप कराने की कोशिश की जा रही है.

बलूच कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य प्रायोजित समूहों की ओर से बलूच राजनीतिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों को दबाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं. बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से इन दमनकारी नीतियों के शिकार हो रहे हैं और स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है.

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