पाकिस्तानी सेना ने अपने ही देश में की ड्रोन स्ट्राइक, 4 मासूमों को मार डाला; विपक्ष ने शहबाज शर

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Pakistan Army Drone Attack: भारत के साथ संघर्ष विराम के बाद अब पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के ही रिहायशी इलाकों में ड्रोन हमला करना शुरू कर दिया है. बीते दिनों पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले के होर्मुज गांव में पाकिस्तानी सेना की ड्रोन स्ट्राइक में 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई और अब तक 5 लोग घायल हैं.

यह ड्रोन स्ट्राइक पाकिस्तान की सेना ने सोमवार (19 मई, 2025) की आधी रात पश्तून बाहुल्य इलाके उत्तरी वजीरिस्तान के होर्मुज गांव में की थी. पाकिस्तानी मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की ड्रोन स्ट्राइक आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ थी, लेकिन विस्फोट रिहायशी इलाके में हो गया और इसकी चपेट में महिलाएं और बच्चे आ गए.

पाकिस्तानी सेना और सरकार का हो रहा विरोध

पाकिस्तानी सेना की ड्रोन स्ट्राइक में बच्चों की मौत के बाद से पाकिस्तान में जगह-जगह सेना और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहा है, जहां मृतक बच्चों के परिजनों ने मीर अली कैंटोनमेंट के गेट के बाहर सेना की ड्रोन स्ट्राइक में मारे गए बच्चों के शवों के साथ प्रदर्शन किया और सेना पर आम लोगों को टारगेट करने का आरोप लगाया तो पेशावर में छात्रों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके पश्तून इलाकों में ड्रोन स्ट्राइक बंद करने की मांग की.

अगर ऐसा हमला लाहौर या गुजरांवाला में होता तो क्या होता?

पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में सेना की ड्रोन स्ट्राइक पर पाकिस्तान की सियासी पार्टियां भी विरोध में उतर गई हैं और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के सांसद अली अमीन खान ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान में पश्तूनों की जान सस्ती है, इसलिए सेना ने इस तरह की ड्रोन स्ट्राइक की हिमाकत की है.

सद अली अमीन खान के मुताबिक, सरकार के लिए पश्तूनों का खून सस्ता है, लानत है ऐसी सरकार पर. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही ड्रोन अटैक लाहौर या फिर गुजरांवाला में होता तो क्या रिएक्शन आता? आखिर कब तक पश्तून कोलैटरल डैमेज बनते रहेंगे. इसी तरह पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी की एक और सांसद जरताज गुल ने कहा कि उनकी पार्टी जब सरकार में थी तब नीति साफ थी कि ड्रोन अटैक में पाकिस्तानी लोगों की मौत नहीं होनी चाहिए लेकिन अब उतरी वजीरिस्तान से ये दर्दनाक तस्वीरें आ रही है.

ड्रोन अटैक पर रक्षा मंत्री ने भी साध ली चुप्पी

हालांकि, उत्तरी वजीरिस्तान में ड्रोन स्ट्राइक में बच्चों की मौत पर पाकिस्तान की सरकार और सेना बिल्कुल चुप है और जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है और ना ही अभी तक पाकिस्तानी सेना की तरफ से कोई बयान सामने आया है. कल बीती रात जब पाकिस्तान के पत्रकारों ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से उत्तरी वजीरिस्तान में सेना के ड्रोन अटैक में मारे गए बच्चों पर सवाल पूछा तो चुपचाप  बिना कुछ बोले अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए.

रिहायशी इलाकों और मासूमों पर हमला करना पाक सेना की पुरानी आदत

वैसे रिहायशी इलाकों और मासूमों पर हमला करना पाकिस्तानी सेना की पुरानी आदत है, 4 दिन तक भारत के साथ चले संघर्ष में भी पाकिस्तानी सेना ने भारत के रिहायशी इलाकों को ड्रोन और मिसाइल  से टारगेट किया था, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकत को निष्प्रभावी कर दिया था. जिसके बाद पाकिस्तान की सेना ने झूठ बोलते हुए बयान दिया था कि उसकी सेना पाक फौज है कभी भी आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाती है, लेकिन भारत के साथ संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तानी सेना की आम लोगों को निशाना बनाने की नीति खुद पाकिस्तान में ही सामने आ गई है, जहां सोमवार (19 मई, 2025) के अलावा 15 मई को दोपहर ढाई बजे पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान की सरगोधा तहसील में ड्रोन स्ट्राइक की थी, जिसमें तीन बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गई थीं.

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