Pakistan Bangladesh: भारत बांग्लादेश तनाव के बीच पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने घोषणा की कि वह फरवरी में बांग्लादेश की यात्रा करेंगे. यह 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी. डार ने यह घोषणा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच काहिरा में पिछले महीने डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद की है.
मीडिया में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि डार एक दशक से अधिक समय में ढाका की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री होंगे. इससे पहले, हिना रब्बानी खार 2012 में ढाका की यात्रा करने वाली पाकिस्तान की आखिरी विदेश मंत्री थीं. डार ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में कहा कि वह पांच फरवरी को या उसके बाद ढाका की यात्रा पर रवाना होंगे.
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश में जबसे यूनुस की सरकार आई है भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी होने लगी है. हाल ही में अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को एक राजनयिक नोट भेजकर, देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हसीना को 5 अगस्त को अपना देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा था, “हमने भारत को सूचित किया है और न्यायिक उद्देश्यों के लिए शेख हसीना की वापसी का अनुरोध किया है. यह एक नोट वर्बेल (राजनयिक नोट) के माध्यम से संप्रेषित किया गया है.”
इससे पहले दिन में देश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री की वापसी के लिए हुसैन के कार्यालय को पत्र लिखा है.
देश के प्रमुख बंगाली दैनिक प्रथम आलो ने चौधरी के हवाले से कहा, “हमने उसके प्रत्यर्पण के संबंध में विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा है. प्रक्रिया अभी चल रही है. उनका हमारे साथ प्रत्यर्पण समझौता है.”
हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया
शेख हसीना की सत्ता के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और विशेष तौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाने लगा. मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में स्थापित अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के आरोप लगते रहे हैं.
भारत ने लगातार हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ धमकियों और टारगेटेड हमलों के मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के सामने मजबूती से उठाया है.
पिछले दिनों विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं को लेकर पड़ोसी देश के साथ नई दिल्ली की चिंताएं साझा की.
शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की कड़े शब्दों में निंदा करती रही है.
राजकुमार
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