ट्रंप ने मान ली पाकिस्तान की ये बात तो भारत के लिए हो जाएगी मुसीबत, क्या है PAK की ख्वाहिश?

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ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों पिटने और चीनी एयर डिफेंस सिस्टम के विफल होने के बाद पाकिस्तान अब अमेरिका की तरफ मुंह ताकने लगा है. फेल्ड (फील्ड) मार्शल आसिम  मुनीर के व्हाइट हाउस में लंच के बाद अब पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख ने भी अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन का दौरा किया है. पिछले एक दशक में ये पहली बार है कि पाकिस्तानी एयर फोर्स चीफ ने अमेरिका का दौरा किया है. 

पाकिस्तानी एयर चीफ जहीर अहमद बब्बर ने पेंटागन में यूएस एयर फोर्स (इंटरनेशनल अफेयर्स) सचिव केली सेबोल्ट और चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड डब्लू एलविन से मुलाकात की. पाकिस्तानी वायुसेना के मुताबिक, मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने, जॉइंट ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी एक्सचेंज पर चर्चा हुई. 

भारत के खिलाफ F-16 के इस्तेमाल पर लगा बैन हटाना चाहता है पाकिस्तान
पिछले कई सालों से अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एफ-16 फाइटर जेट उड़ाने पर रोक लगा रखी है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के खिलाफ चीन से लिए जे-10 और चीन की मदद से तैयार जे-17 फाइटर का इस्तेमाल किया था. साथ ही पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए भारत के हमले में अमेरिका से लिए एफ-16 लड़ाकू विमानों को भी नुकसान पहुंचा था. ऐसे में पाकिस्तान इस जुगत में जुटा है कि किसी तरह से एफ-16 पर लगा बैन हटा दिया जाए. ऐसा इसलिए, क्योंकि पाकिस्तान को भारत के फिर से हमले का डर सता रहा है. 

पाकिस्तान को शांतिप्रिय देश बताने की कोशिश
वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख ने अमेरिकी विदेश विभाग के उन अधिकारियों से मुलाकात की जिनकी जिम्मेदारी मध्य और दक्षिण एशिया के राजनीतिक-सैन्य मामलों की है. यही वजह है कि पाकिस्तानी वायुसेना ने इस मुलाकात के बाद जारी आधिकारिक बयान में दक्षिण एशिया में उभर रहे ‘जियो-पॉलिटिकल डायनेमिक्स’ और ‘स्थिरता’ का खासतौर से जिक्र किया. इतना ही नहीं, पाकिस्तानी एयरफोर्स चीफ ने पाकिस्तान को एक ‘शांतिप्रिय’ देश बताने की कोशिश की और ‘वैश्विक आतंकवाद’ के खिलाफ जंग में सहयोग देने का दम भरा. 

क्यों मुनीर के मुरीद हुए ट्रंप?
जब से पाकिस्तान ने आईएस के वांटेड आतंकी को पकड़कर अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई को सौंपा है, तब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के मुरीद हो गए हैं. ऐसे में पाकिस्तान को नई जान मिल गई है और अमेरिका से संबंध मजबूत करने का बड़ा अवसर मिल गया है. मिडिल-ईस्ट में ईरान के खिलाफ भी पाकिस्तान को अमेरिका इस्तेमाल करने की फिराक में है. यही वजह है कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले देश के साथ, ट्रंप प्रशासन दोस्ती की पींग बढ़ाने में जुटा है. 

अमेरिकी सांसदों से भी मिले जहीर अहमद
पाकिस्तान को लगता है कि अगर भारत ने फिर से हमला किया तो अमेरिका मदद कर सकता है क्योंकि ईरान के खिलाफ ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के लिए जिन फाइटर जेट और बॉम्बर के पैकेज को डिकॉय  बनाकर भेजा गया था, वे सभी हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया एयरबेस पर ही मौजूद हैं. यही वजह है कि वॉशिंगटन में जहीर अहमद ने कैपिटल हिल का दौरा भी किया और यूएस कांग्रेस (संसद) के कई अहम सदस्यों से भी मुलाकात कर पाकिस्तान के लिए लॉबिंग की.

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https://www.abplive.com/news/world/pak-airforce-chief-in-america-pakistan-wants-us-to-remove-ban-on-f-16-fighter-jet-against-india-ann-2973714

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