जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत चुप नहीं बैठेगा और पाकिस्तान पर हमला जरूर करेगा. अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने चार डिप्लोमेट्स के हवाले से यह दावा किया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दर्जनों वर्ल्ड लीडर्स से बात की और कॉल का मकसद वैश्विक नेताओं को ये बताना था कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ क्या एक्शन लेने जा रहा है.
रिपोर्ट का दावा है कि पहलगाम हमले के बाद दिल्ली में 100 मिशनों के डिप्लोमेट्स को भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रीफिंग के लिए बुलाया था. पहलगाम में 26 बेगुनाहों की हत्या के इस वाकिए ने पूरे भारत में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है और सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े एक्शन लेने पड़े हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं को इसलिए फोन नहीं किया कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच खतरनाक भिड़ंत के लिए मदद चाहते हैं.
पाकिस्तान पर हमले के लिए केस तैयार कर रहा भारत
डिप्लोमेट्स के अनुसार दिल्ली अपने पड़ोसी मुल्क के खिलाफ सैन्य एक्शन लेने के लिए मामला तैयार कर रही है. रिपोर्ट में पीएम मोदी की उस चेतावनी का भी जिक्र किया गया है, जो उन्होंने बिहार के मधुबनी की धरती पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को दी थी. इस दौरान पीएम मोदी ने पूरा भाषण हिंदी में दिया, लेकिन जैसे ही पूरे विश्व को पैगाम देने की बात आई तो उन्होंने अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया ताकि दुनिया को उनका मैसेज एकदम साफ और स्पष्ट जाए.
पीएम मोदी ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवाद के आकाओं को सीधा संदेश दिया और कहा कि हमले में शामिल एक-एक आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेंगे, पीछा करेंगे और धरती के आखिरी छोर से भी उखाड़ फेकेंगे. एक-एक को ऐसी सजा देंगे, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों को बताया पाक का पैटर्न, रिपोर्ट में दावा
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेशी मिशनों के राजनयिकों को ब्रीफिंग में पाकिस्तान के पिछले पैटर्न के बारे में जानकारी दी गई है कि कैसे भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी समूहों को वह मदद देता रहा है. रिपोर्ट का कहना है कि भारत ने आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की कुछ खुफिया जानकारियां दी हैं, जिसमें अपराधियों के चेहरे की पहचान करने वाले डेटा शामिल हैं और भारत का कहना है कि ये पाकिस्तान से जुड़े हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, ‘एक्सपर्ट्स और डिप्लोमेट्स से हुई बातचीत के आधार पर दो संभावनाएं बन रही हैं. एक तो ये कि भारत को पाकिस्तान पर हमला करने से पहले आतंकी हमले के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए अधिक समय चाहिए और दूसरा ये कि ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इस वक्त जब कई युद्धों की वजह से अराजकता की स्थिति है, तो भारत को अपने एक्शन को सही ठहराने के लिए जस्टिफिकेशन देने की आवश्यकता कम महसूस हो रही है.’
रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत को मजबूती के साथ समर्थन देने की बात कही है, लेकिन अभी ये नहीं कहा जा सकता कि युद्ध में अमेरिका भारत का साथ देगा या नहीं. हालांकि, अगर शामिल नहीं भी होता है और दक्षिण एशियाई देश जंग में शामिल होते हैं तो अमेरिका का प्रभाव होगा ही.
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