CIA Report On India-Pakistan: मौजूदा समय में भारत और पाकिस्ता के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण स्थिति में है. इसकी वजह पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है. हालांकि, इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी (CIA) से जुड़ी एक खबर सामने आई है. पूर्व CIA अधिकारी ब्रूस रीडेल के नेतृत्व में बनाई गई क्लासिफाइड रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ती है तो इसकी शुरुआत कश्मीर जैसे मुद्दे से होगी और पाकिस्तान पहले ही कमजोर स्थिति में होगा. अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने 1993 में एक राष्ट्रीय खुफिया अनुमान (NIE) तैयार किया था, जिसमें लिखा हुआ था कि पाकिस्तान को भारत से डर लगता है.
पाकिस्तान को भारत से हर क्षेत्र में डर लगता है. आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक हर रूप में पड़ोसी मुल्क देश से खौफ खाता है. पाकिस्तान कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर करता है. वह आतंकियों को समर्थन देता है, जो उसके रणनीतिक नीति का हिस्सा है. भारत की बढ़ती शक्ति और स्थिरता की वजह से पाकिस्तान हमेशा बैचेन रहता है. पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल एक रणनीति की तरह करता है. इसे Low-cost, high-impact युद्ध नीति कहते हैं. रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया है कि आने वाले समय में पाकिस्तान इस्लाम को आस्था नहीं, हथियार के तौर पर अपनाएगा.
पाकिस्तान के लिए आतंकवाद युद्ध का नया चेहरा
CIA ने 32 साल पहले चेताया था कि एक बड़ा आतंकी हमला भारत-पाक टकराव को ट्रिगर कर सकता है. इस बार भी वही हुआ, जब पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई. इस हमले के पीछे भी पाकिस्तान के हाथ के सबूत मिल रहे हैं, क्योंकि इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) मुखौटा है. LeT को पाकिस्तान आर्मी का समर्थन हासिल है. 1993 CIA रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ खुले में युद्ध नहीं जीत सकता है. इसकी जगह पर वह proxy war का इस्तेमाल करेगा. आज भारत वैश्विक मंच पर एक उभरती महाशक्ति है, जबकि पाकिस्तान आंतरिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय अलगाव से जूझ रहा है.
पाकिस्तान की स्थिति 32 साल पहले भी थी खराब
CIA की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 1993 में भारत पाकिस्तान से काफी आगे बढ़ रहा था. हालांकि,पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं था. वह सैन्य शासन, राजनीतिक संकट और आर्थिक पतन के बीच झूल रहा था. कमोबेश आज भी पाकिस्तान की स्थिति पुरानी जैसी ही है. आज से 32 साल पहले भारत में अपनी सभी आंतरिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर सरकार और बढ़ती अर्थव्यवस्था की मदद से विश्व में आगे बढ़ रहा था. उस समय भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव कर रहे थे, जबकि डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे.
अमेरिका की भूमिका
1993 की NIE केवल CIA तक सीमित नहीं थी. इसका उद्देश्य व्हाइट हाउस और विदेश विभाग को सतर्क करना था. परंतु, निरंतर चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान को छूट मिलती रही. अमेरिका ने भारत-पाक तनाव कम करने के लिए हॉटलाइन, परमाणु समझौते और विश्वास पैदा करने की सलाह दी थी, लेकिन संकट के समय ये अक्सर विफल रहे.
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