‘ओसामा बिन लादेन से थी पिता की करीबी’, जानें पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता के परिवार से जुड़े चौंकान

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भारत पाकिस्तान तनाव के बीच PAK मीडिया में आकर हालात की अपडेट देने वाले इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी के परिवार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के बेटे हैं, जो एक परमाणु इंजीनियर थे. पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया था. हालांकि, अल-कायदा सहित कई आतंकवादी संगठनों के साथ उनके कथित संबंधों के लिए संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था.

पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) के साथ अपने दशकों लंबे कार्यकाल के दौरान महमूद ने पाकिस्तान के परमाणु बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यूरेनियम संवर्धन संयंत्रों के निर्माण और पाकिस्तान के यूरेनियम से प्लूटोनियम आधारित हथियार क्षमता में आवश्यक रिएक्टरों के डिजाइन में बशीरुद्दीन महमूद ने योगदान दिया. ये सुविधाएं पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की रीढ़ हैं.

महमूद के संगठन पर आतंकी नेटवर्क के साथ काम करने का आरोप 
2000 के दशक की शुरुआत में महमूद ने उम्माह तामीर-ए-नौ (यूटीएन) की सह-स्थापना की, जिसने तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान में काम करने वाले एक एनजीओ होने का दावा किया. यूटीएन की गतिविधियों में कंधार में स्कूल और बुनियादी ढांंचे का निर्माण शामिल था. अमेरिका और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने बाद में पाया कि महमूद के संगठन ने आतंकी नेटवर्क के साथ गहरे जुड़ाव के लिए एक कवर के रूप में काम किया.

बशीरुद्दीन महमूद ने ओसामा बिन लादेन से की थी मुलाकात
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार महमूद और उनके सहयोगी चौधरी अब्दुल मजीद ने 9/11 हमलों से कुछ सप्ताह पहले अगस्त 2001 में ओसामा बिन लादेन और अयमान अल-जवाहिरी से मुलाकात की थी. हालांकि इस बात के कोई निर्णायक सबूत सामने नहीं आए कि परमाणु हथियार तकनीक हस्तांतरित की गई थी. इन बैठकों ने वाशिंगटन में जरूर चिंता पैदा कर दी और पाकिस्तानी अधिकारियों ने महमूद को गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे पूछताछ की गई.
 
यूटीएन के अफगानिस्तान दौरे के दौरान बशीरुद्दीन ने लादेन और अल-कायदा नेताओं से मुलाकात की और परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों पर चर्चा की. 2001 के दौरान बशीरुद्दीन ने मुल्ला उमर से भी मुलाकात की जिसे मोहम्मद उमर गुलाम नबी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. एक बैठक के दौरान ओसामा बिन लादेन के एक सहयोगी ने संकेत दिया था कि उनके पास परमाणु सामग्री है और वो जानना चाहते हैं कि हथियार बनाने के लिए इसका उपयोग कैसे किया जाए.

नवाज शरीफ ने किया था सम्मानित
संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया है कि बशीरुद्दीन ने परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और परमाणु हथियारों के प्रभावों के बारे में जानकारी प्रदान की. आईएसआई ने महमूद को ये कहते हुए रिहा कर दिया कि उनके पास स्वतंत्र रूप से परमाणु हथियार बनाने के लिए तकनीकी जानकारी का अभाव है. पाकिस्तान में जन्मे और ब्रिटेन में पढ़े महमूद को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान सितारा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया था. हालांकि, बशीरुद्दीन महमूद बाद में शरीफ के मुखर आलोचक बन गए.

महमूद के वैज्ञानिक लेखन में जिन्न का भी उल्लेख है, जिसका इस्लामी साहित्य में प्रमुखता से वर्णित किया गया हैं. महमूद के अनुसार ये प्राणी (जिन्न) पृथ्वी के ऊर्जा संकट को हल करने में महत्वपूर्ण हैं.

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