भारत का आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, आर्मेनिया के बाद इस मुस्लिम देश भी खरीददारों की लाइन में

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India Defense Technology: कुछ समय पहले तक भारतीय सेना अपनी रक्षा के लिए विदेशी तकनीकों पर निर्भर थी, लेकिन अब भारतीय रक्षा प्रणालियाँ पूरी दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवा रही हैं. इसका बेहतरीन उदाहरण है भारत का स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे आर्मेनिया ने खरीदा था. अब बाकी देशों की नजरें भी इस प्रणाली पर हैं और वे इसकी ताकत को समझने लगे हैं. आकाश सिस्टम जिसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर विकसित किया है. अब यह वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है.

आर्मेनिया के बाद अब ओमान भी इस आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने के लिए उत्सुक हो गया है. ओमान जो मध्य पूर्व में स्थित है अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए आकाश प्रणाली के प्रति रुचि दिखा रहा है. ये स्वदेशी मिसाइल सिस्टम जो शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है ये 20 किमी तक के वर्टिकल और 25 किमी तक के हॉरिजॉन्टल लक्ष्य को पहचानने और नष्ट करने की क्षमता रखता है.

आकाश सिस्टम की ताकत और विशेषताएं

आकाश सिस्टम की एक प्रमुख विशेषता ये है कि यह एक साथ चार एरियल टारगेट को एंगेज कर सकता है. इसका मुकाबला S400 जैसे विश्व प्रसिद्ध प्रणालियों से किया जा सकता है, लेकिन इसकी रेंज कम होने के बावजूद इसकी गति और प्रभावशीलता बिल्कुल अद्वितीय है. माना जा रहा है कि ओमान के लिए ये प्रणाली आदर्श साबित हो सकती है क्योंकि इसकी रेंज छोटे देशों के लिए उपयुक्त है और यह किफायती भी है. ओमान को अपनी हवाई रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है खासकर यमन में असुरक्षा और सऊदी अरब और UAE की सैन्य मौजूदगी की वजह से.

ओमान के लिए सस्ता और प्रभावी विकल्प

आकाश सिस्टम ओमान के लिए एक अहम कदम हो सकता है क्योंकि ये महंगी तकनीक जैसे रूस के S-400 की जरूरत को खत्म कर सकता है. इसके अलावा इसकी रखरखाव के लिए ओमान को बड़े पैमाने पर संसाधनों की जरूरत नहीं होगी. इसकी सटीकता और प्रभावशीलता ओमान की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन समाधान साबित हो सकती है. आकाश की तकनीक को देखते हुए इसे भारत के आयरन डोम के रूप में भी देखा जा सकता है जो भारत की सैन्य क्षमता को और भी मजबूत करेगा.

भारत की स्वदेशी तकनीक का वैश्विक महत्व

आकाश सिस्टम सिर्फ आर्मेनिया या ओमान तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आने वाले समय में ये कई अन्य देशों में भी इस्तेमाल होगा. भारत की स्वदेशी तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब पूरी दुनिया के लिए एक अहम खिलाड़ी बन चुका है. भारत के पास पहले से ही कई बेहतरीन रक्षा प्रणालियां हैं जैसे S-400, पिनाका और स्पाइडर जो भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाती हैं. बता दें कि आकाश जैसे स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम से भारत की सैन्य क्षमता अब और भी मजबूत हो गई है.

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