Last Updated:March 28, 2025, 16:50 IST
अमेरिका के कोलोराडो में एक मुर्गे ने बिना सिर के पूरे 18 महीने तक जीवित रहकर इतिहास रच दिया. इस अनोखे मुर्गे का नाम था ‘माइक’, जिसे लोग आज भी ‘हेडलैस चिकन’ के नाम से जानते हैं. आइए जानते हैं इसकी अनोखी कहानी.
बिना सिर के 18 महीनों तक जिंदा रहा मुर्गा.
(image credit- social media)
क्या आप इस बात पर यकीन कर पाएंगे कि कोई भी इंसान या जीव बिना सिर के भी जिंदा रह सकता है? लेकिन हम आपको बता दें कि, आज से तकरीबन 80 साल पहले ऐसा करिश्मा हो चुका है. सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है. अमेरिका के कोलोराडो में एक मुर्गे ने बिना सिर के पूरे 18 महीने तक जीवित रहकर इतिहास रच दिया. इस अनोखे मुर्गे का नाम था ‘माइक’, जिसे लोग आज भी ‘हेडलैस चिकन’ के नाम से जानते हैं जिसने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं.
यह कहानी 1945 के सितंबर में कोलोराडो के एक फार्म में शुरू होती है. जहां लॉयड ओल्सन और उनकी पत्नी क्लारा ने मुर्गों को मारने का काम करते थे. उन्होंने कई मुर्गों को काटा, लेकिन उनमें से एक सिर कटने के बावजूद भी जिंदा रहा और टहलता रहा. यह नजारा देखकर ओल्सन परिवार चौंक गया. लेकिन ऐसा संभव कैसे हुआ चलिए जानते हैं.
दरअसल, वैज्ञानिकों के मुताबिक, मुर्गे का दिमाग पीछे की ओर स्थित होता है. जब ओल्सन ने माइक का सिर काटा, तब उसका थोड़ा सा दिमाग और गले का हिस्सा सुरक्षित बच गया, जिससे वह जिंदा रह सका. किस्मत से, ब्लड फ्लो भी जल्दी रुक गया, जिससे वह ज्यादा खून बहने से नहीं मरा. ओल्सन ने माइक की उसकी देखभाल शुरू कर दी. उसे नली से पानी और खाना देता. यहां तक कि माइक की सांस लेने की नली में जमा म्यूकस निकालने के लिए एक सिरिंज का इस्तेमाल किया जाता था. माइक का चमत्कार जब आसपास के लोगों को पता चला, तो यह खबर अखबारों में छपने लगी. जल्द ही माइक एक सेलिब्रिटी बन गया और उसे अमेरिका के कई शहरों में घुमाया जाने लगा. इतना ही नहीं माइक को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आने लगे. वह अमेरिका के अलग-अलग शहरों में घूमता रहा और खबरों में सुर्खियां बटोरता रहा. ओल्सन परिवार ने इस अनोखे मुर्गे की बदौलत काफी पैसे कमाए और अपनी जिंदगी बेहतर बना ली.
अप्रैल 1947 में जब माइक अपने टूर के दौरान एरिजोना के फीनिक्स शहर में था, तब एक रात उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. ओल्सन परिवार ने जल्दी से सिरिंज खोजने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश, वह सिरिंज उनके पास नहीं थी. नतीजा यह हुआ कि माइक की बलगम जमा होने से दम घुट गया और उसकी मौत हो गई. हालांकि, इस बात को ओल्सन ने कई सालों तक छुपाकर रखा और लोगों से कहा कि उन्होंने माइक को किसी और को बेच दिया. लेकिन बाद में सच सबसे सामने आ गया.
आज भी जिंदा है माइक की याद
माइक की याद में कोलोराडो के फ्रूटा शहर में हर साल ‘माइक द हेडलेस चिकन फेस्टिवल’ मनाया जाता है. इस फेस्टिवल में 5K रेस, म्यूजिक, गेम्स और हेडलेस चिकन की थीम पर बनी चीजें शामिल होती हैं. उसकी कहानी को एक फिल्म में भी दिखाया गया है.
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