तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन से हाथ मिलाया, कान में कुछ बोला और फिर अपने कोट में क्यों झांकने

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Trump Erdogan Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका बुलाया और उनके साथ लंच किया. जनरल मुनीर को चीन समर्थक देश पाकिस्तान का प्रतिनिधि माना जाता है, लेकिन अमेरिका बुलाकर ट्रंप ने एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की. यह वही समय था जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान एक नया रणनीतिक सहयोगी तलाश रहा था. ट्रंप के साथ लंच को पाकिस्तान में कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा गया.

एर्दोगन और ट्रंप का वीडियो वायरल
अब इसी कूटनीतिक सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ट्रंप ने तुर्किए के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन से भी मुलाकात की है. यह मुलाकात नीदरलैंड के हेग शहर में हो रहे नाटो समिट के दौरान हुई. एर्दोगन और ट्रंप की यह मुलाकात बेहद गर्मजोशी भरी रही. इस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, आपस में कान में कुछ बातचीत की और ट्रंप अचानक अपने कोट में कुछ देखने लगे. यह दृश्य मीडिया में चर्चा का विषय बन गया.

क्या लगाई जा रही अटकलें
तुर्किए को आम तौर पर चीन के करीबी देशों में गिना जाता है. तुर्किए ने पिछले कुछ वर्षों में चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत रणनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत किए हैं. लेकिन अब राष्ट्रपति एर्दोगन का रुख कुछ बदला हुआ दिख रहा है. इस मुलाकात के दौरान ट्रंप और एर्दोगन के बीच द्विपक्षीय रिश्तों, रक्षा सहयोग, ऊर्जा, निवेश और यूक्रेन और मध्य पूर्व जैसे वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई. तुर्की के राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ ऊर्जा और निवेश जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि रक्षा उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देने से दोनों देशों को 100 बिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजरायल और ईरान के बीच हुए युद्धविराम को ट्रंप की अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व क्षमता का नतीजा बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह युद्धविराम स्थायी होगा. इस बयान से यह संकेत मिलता है कि एर्दोगन ट्रंप की कूटनीतिक समझ और वैश्विक प्रभाव को गंभीरता से लेते हैं.

फोटो सेशन के दौरान भी दोनों सहज दिखे
नाटो समिट के दौरान ट्रंप और एर्दोगन के बीच फोटो सेशन भी हुआ, जिसमें दोनों नेता बेहद आत्मीयता के साथ बातचीत करते नजर आए. ट्रंप बार-बार एर्दोगन के हाथ पर थपकी देते दिखे. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि नाटो को वैश्विक खतरों से निपटने के लिए एकजुट और मजबूत रहना चाहिए.

ट्रंप को मिला तुर्किए का साथ
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से मिल रही चुनौती को देखते हुए नाटो के रक्षा खर्च में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की है. तुर्किए ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिससे ट्रंप को अपने उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है. हालांकि इस नाटो सम्मेलन में ट्रंप ने कई देशों के नेताओं से मुलाकात की, लेकिन एर्दोगन के साथ उनकी मुलाकात को विशेष महत्व दिया जा रहा है. वजह यह है कि तुर्किए के राष्ट्रपति हाल के वर्षों में चीन, रूस और ईरान के साथ घनिष्ठ संबंध बना चुके हैं. लेकिन अब वे नाटो विस्तार को लेकर लचीला रुख अपना रहे हैं और स्वीडन की सदस्यता का समर्थन भी कर रहे हैं.

एक और कारण यह भी है कि तुर्किए इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में अमेरिका उसके लिए राहत बन सकता है. साथ ही, एर्दोगन को अपने देश के अंदर भी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों में अमेरिका से संबंध मजबूत करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है.

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