मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच भारत विरोधी गठजोड़! 15 साल बाद ढाका में बांग्लादेश-पाकिस्तान की बैठक

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Pakistan-Bangladesh Relations: करीब 15 सालों के लंबे अंतराल के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच एक अहम विदेश सचिव-स्तरीय बैठक (Foreign Office Consultation – FOC) होने जा रही है. यह बैठक गुरुवार (17 अप्रैल) को ढाका में आयोजित होगी, जिसमें पाकिस्तान की ओर से विदेश सचिव अम्मना बलोच और बांग्लादेश की ओर से विदेश मंत्रालय के सलाहकार जसीमउद्दीन शामिल होंगे. बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की भूमिका की बात सामने आई है. ऐसे में इस बैठक के भारत के लिए रणनीतिक मायने काफी बढ़ गए हैं.

साल 2010 के बाद यह पहली बार है जब दोनों देशों के शीर्ष राजनयिक अधिकारी आमने-सामने होंगे. हालांकि दोनों पक्षों ने बैठक के लिए कोई विशेष एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें द्विपक्षीय संबंधों के अलावा भारत को लेकर साझा रणनीति, व्यापार, सुरक्षा, और परिवहन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार भी अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ढाका दौरे पर आने वाले हैं, जो 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा होगी.

यूनुस सरकार के आने के बाद पाकिस्तान के लिए खुले रास्ते
शेख हसीना के नेतृत्व में पिछले 15 वर्षों तक बांग्लादेश की सरकार ने पाकिस्तान के लिए कड़ा रुख अपनाया था, लेकिन हाल ही में सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के लिए “रेड कार्पेट” बिछा दिया है. इसका असर अब राजनयिक गतिविधियों में साफ तौर पर दिख रहा है. पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान आर्मी और ISI के अधिकारियों ने भी बांग्लादेश का दौरा किया है, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि इस्लामाबाद ढाका में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है.

ISI और पाकिस्तान की बढ़ती दिलचस्पी
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब बांग्लादेश में सक्रिय भूमिका निभा रही है. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य भारत के पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में अस्थिरता पैदा करना, साइबर नेटवर्क स्थापित करना, और स्थानीय कट्टरपंथी संगठनों को समर्थन देना हो सकता है.

पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ व्यापारिक संबंधों को भी आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. हालांकि, भौगोलिक दूरी और परिवहन लागत इसमें एक बड़ी बाधा है. बांग्लादेश के पाकिस्तान में उच्चायुक्त मोहम्मद इकबाल हुसैन खान का कहना है कि अगर लॉजिस्टिक लागत में कटौती हो सके तो पाकिस्तान से आयात भी ज्यादा हो सकता है.

सीधी फ्लाइट और व्यापारिक समझौते की तैयारी
दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों (Direct Flights) की योजना भी सक्रिय रूप से चल रही है. पाकिस्तान की दो निजी एयरलाइंस – फ्लाई जिन्ना और एयर सियाल – ने ढाका के लिए उड़ानें शुरू करने के लिए बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से अनुमति मांगी है.

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