मिडिल ईस्‍ट में ईरान के मंसूबे खंड-खंड, अब क्‍या करेंगे खामनेई?

Must Read

तेहरान/दमिश्‍क. सीरिया में बसर अल-अशद का किला ढह गया है. अशद परिवार का पांच दशक से भी पुरान राज समाप्‍त हो गया है. इसके साथ ही ईरान का रहा-सहा रसूख भी जाता रहा. अमेरिका और इजरायल के बुने जाल में तेहरान के पॉलिसी मेकर्स इस तरह फंसे कि उनकी एक न चली. एक्सिस ऑफ रेजिस्‍टेंस का चक्रव्‍यूह भी ध्‍वस्‍त हो चुका है. असद युग के खात्‍मे से यदि किसी को सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ है तो वह ईरान है. राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ ही कई टॉप कमांडर को गंवा चुके ईरान के लिए सीरिया एक गढ़ की तरह था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. ईरान के सपने और उसकी महत्‍वाकांक्षाएं छिन्‍न-भिन्‍न हो चुके हैं. मौजूदा हालात में तेहरान के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी उपयोगिता और धमक को बनाए रखने की है. अब पूरी दुनिया की निगाहें ईरान के सुप्रीम लीडर आयातोल्‍ला अली खामनेई के अगले कदम पर टिकी है. वह आगे समझौतावादी रुख अपनाते हैं या फिर टकराव की के रास्‍ते पर ही चलते रहेंगे, क्‍योंकि बशर अल-असद की विदाई के साथ ही मिडिल ईस्‍ट में बैलेंस ऑफ पावर का समीकरण बदल चुका है.

FIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 23:49 IST

global politics, world politics, politics news, hindi news, latest hindi news, hindi news today, latest hindi news, oxbig, oxbig news, oxbig news network, oxbig news hindi, hindi oxbig, oxbig hindi

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -