Agency:IANS
Last Updated:February 10, 2025, 16:45 IST
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि कोई ताकत फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से बेदखल नहीं कर सकती. ट्रंप के गाजा प्लान और सऊदी में फिलिस्तीनी राज्य के प्रस्तावों ने क्षेत्रीय विरोध बढ़ाया है.
डोनाल्ड ट्रंप नाटो सदस्यों के बीच घिर गए हैं. (Reuters)
इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि कोई भी ताकत फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से बेदखल करने की ताकत नहीं रखती. एर्दोगन ने एशिया के तीन देशों के दौरे पर जाने से पहले रविवार को अतातुर्क एयर पोर्ट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कोई भी ताकत गाजावासियों को उनकी प्राचीन मातृभूमि से बाहर नहीं कर सकती. गाजा, पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम सभी फिलिस्तीनियों के हैं.’ एर्दोगन ने कहा, ‘इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के बावजूद हम देख रहे हैं कि इजरायली सरकार के पास और भी खतरनाक योजनाएं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जायोनी लॉबी के दबाव में गाजा के मुद्दे पर नए अमेरिकी प्रशासन के सुझाव हमारे लिए कोई महत्व नहीं रखते.’
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 4 जनवरी को वाशिंगटन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना ‘गाजा प्लान’ पेश किया. ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध से तबाह गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाए जाने के बाद इसे आर्थिक रूप से विकसित करेगा. उन्होंने गाजा का विकास करने का प्रस्ताव रखते वक्त यह स्पष्ट कहा था कि फिलिस्तीनियों का विस्थापन स्थायी होगा. हालांकि बाद में व्हाइट हाउस में इस पर सफाई दी थी कि गाजा से कोई भी विस्थापन अस्थायी होगा.
सऊदी में फिलिस्तीन बनाने का दिया था प्रस्ताव
ट्रंप ने गुरुवार को ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर अपना विचार दोहराया. उन्होंने लिखा, ‘लड़ाई के अंत में इजरायल गाजा पट्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दिया देगा.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन पर किसी अमेरिकी सैनिक की ज़रूरत नहीं होगी. 6 जनवरी को नेतन्याहू ने इजरायल के चैनल 14 के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य स्थापित किया जा सकता है. वहां उनके पास बहुत सारी जमीन है.’ ट्रंप और नेतन्याहू दोनों की टिप्पणियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध बढ़ा दिया है. कई देशों ने फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से निकालने और दो-राज्य के समाधान के लिए उनके समर्थन को नकारा है.
ट्रंप पर बरसे जर्मन चांसलर
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना की आलोचना करते हुए इसे ‘एक घोटाला’ बताया. स्कोल्ज़ और विपक्षी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ 23 फरवरी को होने वाले बुंडेस्टाग चुनाव से पहले रविवार शाम को पहली टेलीविजन बहस में हिस्सा लेंगे. यह चर्चा किए गए प्रमुख विषयों में से एक था कि ट्रंप के प्रशासन के तहत जर्मनी को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कैसे संबंध स्थापित करना चाहिए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व के मुद्दे पर बात करते हुए स्कोल्ज़ ने ट्रंप के गाजा प्रस्ताव के खिलाफ अपने विरोध को फिर से व्यक्त किया.
शुक्रवार को एक अभियान कार्यक्रम में बोलते हुए स्कोल्ज़ ने अपनी असहमति जताते हुए कहा, ‘हमें गाजा की आबादी को मिस्र में फिर से नहीं बसाना चाहिए.’ रविवार की बहस के दौरान स्कोल्ज़ ने ट्रंप से निपटने के लिए अपनी रणनीति को ‘स्पष्ट शब्दों और मित्रवत बातचीत’ के रूप में बताया. मर्ज़ ने ट्रंप के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए इसे ‘अमेरिकी प्रशासन के परेशान करने वाले प्रस्तावों में से एक बताया. हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि जर्मनी को यह देखने के लिए इंतजार करना चाहिए कि अमेरिकी सरकार किन योजनाओं को ‘गंभीरता से’ आगे बढ़ाने का इरादा रखती है.
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February 10, 2025, 16:45 IST
कोई भी ताकत गाजा के लोगों को नहीं भगा सकती… एर्दोगन ने ट्रंप को दी चेतावनी
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