Last Updated:May 02, 2025, 10:58 IST
US Iran Sanctions: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी तेल खरीद पर सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी है. ट्रंप का असली निशाना चीन है, जो ईरान से सबसे अधिक तेल खरीदता है. यह बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका…और पढ़ें
अमेरिका ने ईरान के तेल खरीदने पर लगाई रोक.
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने ईरानी तेल खरीद पर सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी
- ट्रंप का असली निशाना चीन, जो ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है
- भारत फिलहाल ईरान से कोई तेल नहीं खरीद रहा है
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को एक बड़ा झटका दिया है. ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पादों की सभी खरीदारी तुरंत बंद होनी चाहिए और जो भी देश या व्यक्ति ईरान से कुछ भी खरीदेगा उसे सेकेंडरी टैरिफ यानी द्वितीयक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप के इस कदम से असली निशाना ईरान नहीं बल्कि चीन है. क्योंकि वह ईरानी तेल का बड़ा खरीदार है. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पादों की सभी खरीदारी, अभी बंद होनी चाहिए! कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरान से किसी भी मात्रा में तेल या पेट्रोकेमिकल्स खरीदेगा, उसे तुरंत द्वितीयक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. उन्हें किसी भी तरह से अमेरिका के साथ व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.’
ट्रंप की धमकी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका-ईरान परमाणु कार्यक्रम पर नवीनतम वार्ता स्थगित कर दी गई. शनिवार को रोम में मीटिंग होने वाली थी. दोनों की मीटिंग की मध्यस्थता कराने वाले ओमान ने घोषणा की कि इस वीकेंड पर होने वाली परमाणु वार्ता स्थगित कर दी गई है. यह घोषणा ओमानी विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में की. उन्होंने आगे बताया कि आपसी सहमति के बाद नई तारीखों की घोषणा की जाएगी.
क्या होते हैं सेकेंडरी प्रतिबंध
सेकेंडरी सैंक्शंस ऐसे प्रतिबंध होते हैं, जो किसी देश की ओर से तीसरे देश या व्यक्ति पर लगते हैं. उदाहरण के लिए अगर ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं और भारत ईरान से तेल खरीदता है तो अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है, ताकि ईरान के साथ व्यापार रोकने के लिए दबाव बनाया जा सके.
क्या भारत पर लग सकते हैं प्रतिबंध?
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत पहले ईरानी तेल पर काफी निर्भर रहा है. 2019 तक भारत बड़े पैमाने पर ईरान से तेल खरीदता था. हालांकि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण 2025 तक भारत ने ईरान से तेल आयात नहीं किया है. भविष्य में आयात तभी संभव होगा जब अमेरिका प्रतिबंधों में ढील देगा या उन्हें हटाएगा. फिलहाल भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों को इराक, सऊदी अरब, रूस और यूएई से मंगाता है.
चीन है असली निशाना
ट्रंप की धमकी को ईरान के साथ-साथ चीन के खिलाफ देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. चीन ने मार्च में रिकॉर्ड 18 लाख बैरल ईरानी कच्चा तेल हर रोज आयात किया. वहीं, अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के डेटा से पता चला कि 2023 में ईरान का 90% कच्चा तेल और कंडेनसेट निर्यात चीन को हुआ था.
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