दोस्तों में खौफ, दुश्मन ले रहे मजे… ट्रंप-जेलेंस्की की झड़प से टेंशन में ताइवान, ईरान ने कहा- भरोसे के लायक नहीं US

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Last Updated:March 04, 2025, 15:08 IST

US Ukraine Relations: डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की की तनातनी ने अमेरिका के सहयोगियों को चिंतित कर दिया है. ताइवान को डर है कि अमेरिका उसे भी छोड़ सकता है, जबकि ईरान इसे पश्चिमी देशों की कमजोरी मान रहा है.

जेलेंस्की और ट्रंप की झड़प से ईरान खुश हो गया है.

हाइलाइट्स

  • ट्रंप-जेलेंस्की की झड़प से ताइवान चिंतित है
  • ईरान ने कहा अमेरिका भरोसे के लायक नहीं
  • अमेरिका का बदला रवैया ताइवान के लिए चिंता का विषय

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच तनातनी ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. ओवल ऑफिस में मीडिया के सामने हुए इस झगड़े से सबसे ज्यादा खुश अमेरिका के दुश्मन हैं. क्योंकि इस झगड़े ने दिखा दिया है कि अमेरिका अपने दोस्तों के लिए अचानक अपना रवैया बदल सकता है. 20 जनवरी से पहले जहां यूक्रेन के साथ अमेरिका खड़ा था, तो वहीं ट्रंप प्रशासन अब दूरी बनाने लगा है. अमेरिका का बदला-बदला रूप देखकर ताइवान परेशान है तो वहीं ईरान ने कहा है कि यह दिखाता है कि अमेरिका विश्वास करने लायक नहीं. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया फिर से उपनिवेशवाद की ओर जा रही है, जहां चीजें ताकत और धमकी से होती थीं.

ट्रंप प्रशासन ने युद्ध के बीच में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी है, जो ताइवान के लिए चिंता की बात है. ताइवान इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं अमेरिका के बदलते मूड का अगला शिकार वह न हो जाए और अगर ऐसा हो तो बचने के लिए क्या किया जाए? एनपीआर की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान की राजधानी ताइपे में सूचो यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर चेन फैंग-यू ने कहा, ‘ट्रंप के लिए ऐसा लगता है, जैसे सहयोगियों की कोई अवधारणा नहीं है. सब कुछ बस डील है. हर चीज इस बात से निर्भर होती है कि अमेरिका को कितना फायदा होगा.’

जेलेंस्की का हाल देख ताइवान परेशान
ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है और उसे हर हाल में अपने देश में मिलाने की धमकी देता रहता है. अमेरिका ताइवान को हथियार देता है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल में कहा था कि अमेरिकी सेना युद्ध की स्थिति में ताइवान की मदद करेगी. चेन ने कहा कि जो कुछ हो रहा है वह ताइवान की जनता के लिए हजम करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘अगर हर चीज लेन-देन है, तो मजबूत रिश्ता खत्म हो जाएगा. हमें ट्रंप को एक प्रस्ताव देना होगा और इस बात की चिंता करनी होगी कि क्या वह इससे संतुष्ट होंगे. हमें इसकी आदत डालनी होगी, क्योंकि ट्रंप के काम का यही तरीका है.’ हालांकि सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि किसी भी तरह से चीन का आक्रमण विनाशकारी होगा.

ईरान भी ले रहा मजे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में पिछले शुक्रवार को जुबानी जंग देखी गई थी. दोनों देशों में एक मिनरल डील होनी थी, जो इस कारण नहीं हो सकी. ईरानी विदेश मंत्री ने सोमवार को इसे उपनिवेशवाद की वापसी की शुरुआत बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने कहा, ‘कानूनी और कूटनीतिक दृष्टिकोण से यह चेतावनी की तरह है. सवाल है कि क्या हम 19वीं सदी में लौट रहे हैं, जहां शक्ति, धमकी और दबाव से देशों के बीच बातचीत होती थी.’ ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने ट्रंप जेलेंस्की की झड़प के बाद एक्स अकाउंट पर यूक्रेनी भाषा में पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि यूक्रेन की स्थिति उन सरकारों और देशों के लिए एक सबक है जो पश्चिमी देशों की कठपुतली हैं. सभी सरकारों को इसे समझना चाहिए. अमेरिका और यूरोप पर भरोसा करने वाली सरकारों को यूक्रेन की मौजूदा स्थिति देखनी चाहिए.

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