MEA On Shahzadi Khan Execution: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की 33 वर्षीय भारतीय नागरिक शहजादी खान को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी दी गई. विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूएई की सर्वोच्च अदालत, कोर्ट ऑफ कैसेशन ने मौत की सजा को बरकरार रखा और स्थानीय कानूनों के अनुसार सजा दी गई.
MEA ने बताया कि यूएई में भारतीय दूतावास ने शहजादी को हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की, जिसमें यूएई सरकार के साथ दया याचिका और क्षमा अनुरोध दायर करना शामिल था.
परिवार का दावा: ‘न्याय नहीं मिला’
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने आरोप लगाया कि सरकार ने पर्याप्त समर्थन नहीं दिया और उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला. उन्होंने कहा, “मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन मेरे पास अबू धाबी जाकर वकील रखने के लिए पैसे नहीं थे. सरकार ने हमारा समर्थन नहीं किया.”
क्या था पूरा मामला?
अगस्त 2022 में जन्मे शिशु की देखभाल शहजादी खान कर रही थीं. 07 दिसंबर, 2022 को टीकाकरण के बाद शिशु की मौत हो गई. अस्पताल ने पोस्टमार्टम का सुझाव दिया, लेकिन माता-पिता ने जांच से इनकार कर दिया. फरवरी 2023 में एक वीडियो सामने आया, जिसमें शहजादी शिशु की हत्या कबूल करती दिखीं. शहजादी का दावा था कि यह जबरन कराया गया कबूलनामा था, जो यातना और दुर्व्यवहार का नतीजा था. 10 फरवरी 2023 को शहजादी को अबू धाबी पुलिस को सौंप दिया गया और 31 जुलाई 2023 को मौत की सजा सुनाई गई.
कानूनी प्रयास और दया याचिका
सितंबर 2023 में मौत की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी गई. 28 फरवरी 2024 को कोर्ट ने सजा बरकरार रखी. मई और जुलाई 2024 में शहजादी के पिता ने भारतीय दूतावास के माध्यम से दया याचिका दायर की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. 14 फरवरी 2025 को शहजादी ने जेल से फोन कर बताया कि उन्हें फांसी दी जाने वाली है.15 फरवरी 2025 को फांसी दी गई, जिसका आधिकारिक नोटिस भारतीय दूतावास को 28 फरवरी 2025 को मिला. 5 मार्च 2025 को अंतिम संस्कार होगा, जिसमें परिवार को शामिल होने की अनुमति दी गई है.
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