Khalid Hanafi’s Statement Regarding Minorities: अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबान सरकार के एक मंत्री ने गैर-मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. तालिबान सरकार में नैतिकता और दुराचार रोकने वाले मामलों के मंत्री खालिद हनफी ने कहा है कि हिंदू और सिख जैसे गैर-मुसलमान ‘जानवरों से भी बदतर’ हैं.
खालिद हनफी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब तालिबान खुद दो गुटों में बंटा हुआ है और सत्ता को लेकर अंदरूनी संघर्ष चल रहा है. खालिद हनफी वही नेता हैं जिन्होंने अफगान महिलाओं की शिक्षा और नौकरी पर बैन लगाने का ऐलान किया था, जिसे तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने भी मंजूरी दी थी.
प्रवासी अफगान अल्पसंख्यकों ने जताया विरोध
अफगान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले अफगान सिख और हिंदू प्रवासियों के नेताओं ने खालिद हनफी के आपत्तिजनक बयान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इस बयान को भड़काने वाला बताया और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई. उनका कहना है कि किसी को भी दूसरे धर्म का अपमान करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की बातें अफगानिस्तान में बचे-खुचे सिखों और हिंदुओं के लिए खतरा बढ़ा सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बयान लोगों को अपनी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की चिंता में देश छोड़ने पर मजबूर कर सकते हैं.
जानें कौन है खालिद हनफी
खालिद हनफी का पूरा नाम शेख अल-हदीस मोहम्मद खालिद हनफी है. उसने अपनी पढ़ाई एक मदरसे में की है. खालिद के पिता, हबीबुल्लाह, तालिबान के एक सीनियर कमांडर थे. खालिद का जन्म अफगानिस्तान के नूरिस्तान प्रांत के दोआबी जिले के कोलम शहीद गांव में हुआ था. उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने दादा से की और साथ ही थोड़ी बहुत आधुनिक शिक्षा भी ली. उसने कुल मिलाकर 12वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद खालिद तालिबान में शामिल हो गए और एक ‘मुजाहिदीन’ यानी लड़ाके के रूप में काम करने लगा. इसी दौरान उसके अंदर जिहाद को लेकर कट्टर सोच बन गई और वे धर्म के मामले में सख्त विचारों वाले बन गया.
तालिबान का आतंकी रहा है हनफी
खालिद हनफी तालिबान के पहले शासनकाल के दौरान अपने भाई मौलवी रुस्तम के साथ जिहादी गतिविधियों में शामिल था. उसने निमरोज और डेलाराम जिलों में जिहादी लड़ाकों का एक गुट भी बना लिया था. एक बार मुठभेड़ में वह बुरी तरह घायल हो गया था, लेकिन इसके बावजूद उसने तालिबान से अपने संबंध नहीं तोड़े. आज की तालिबान सरकार में वह “सदाचार के प्रचार और दुराचार की रोकथाम” मंत्री है. हनफी अपने सख्त रवैये के लिए जाना जाता है और तालिबान के फतवों (धार्मिक आदेशों) और सामाजिक पाबंदियों को सख्ती से लागू करता है.
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