हमास ने युद्धविराम समझौते के तहत तीन इजरायली बंधकों को शनिवार (08 फरवरी) को मानवीय सहायता संगठन रेड क्रॉस के माध्यम से रिहा कर दिया. ये बंधक लगभग 500 दिनों तक कैद में रहे. रिहा किए गए इजरायली नागरिकों में एली शराबी, ऑर लेवी और ओहद बेन अमी शामिल हैं.
हमास की कैद में 491 दिन बिताने के बाद एली शराबी को शनिवार सुबह रिहा कर दिया गया, लेकिन इजरायल. में उनकी वापसी की खुशी एक सपने जैसी रही. उन्हें यह पता ही नहीं है कि 2023 में 7 अक्टूबर 2023 को अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान उनकी बीवी और दो बेटियों की मौत हो गई है.
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, जब एली शराबी ने कहा”मैं आज अपनी पत्नी और बेटियों के पास लौटकर बहुत खुश हूं,”दरअसल, उन्हें यह नहीं पता था कि उनकी पत्नी लीन और बेटियां नोया (16) और याहेल (13) पहले ही मारी जा चुकी थीं. किबुत्ज़ बेरी स्थित उनके घर में उनकी हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि उनके भाई योसी शराबी की कैद में ही मौत हो गई और उनका शव अब भी गाजा में रखा हुआ है.
कैदी विनिमय सौदे के तहत रिहाई
एली शराबी उन तीन इजरायली बंधकों में से एक थे, जिन्हें इजरायल और हमास के बीच कैदी विनिमय समझौते के तहत छोड़ा गया. इस सौदे के तहत, इजरायल ने 183 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. अन्य दो बंधकों, ओहद बेन अमी और ऑर लेवी, को भी रेड क्रॉस के माध्यम से रिहा किया गया और उन्हें इजरायल में उनके परिवारों के पास भेज दिया गया.
एली की हालत नाजुक
यूके में स्थित एली शराबी के परिवार ने उनकी खराब शारीरिक स्थिति को लेकर चिंता जताई. उनके भाई शेरोन शराबी ने द जेरूसलम पोस्ट को बताया, “एली शराबी हमारे परिवार का आखिरी सदस्य हैं जो गाजा में कैद थे. हमने चार करीबी रिश्तेदारों को खो दिया है. हमारे शब्बत की मेज पर पांच कुर्सियां खाली रह गई हैं. उनमें से चार पर अब कोई नहीं बैठेगा.” उनके बहनोई स्टीव ब्रिसली ने बीबीसी से कहा कि एली की कमजोर हालत देखकर वह हैरान हैं. “उन्हें इतना दुबला और कमजोर देखना बहुत कठिन है, लेकिन जो बात सबसे ज्यादा परेशान करती है, वह यह है कि उनकी आंखों की चमक चली गई है.”
फिलिस्तीनी कैदियों का स्वागत
इजरायली कैदियों की रिहाई के साथ ही, रामल्लाह और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी कैदियों का स्वागत किया गया. प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें चिकित्सा देखभाल की जरूरत है, हालांकि इस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई. बता दें कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई में अब तक कम से कम 47,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि कुछ अनुमानों के अनुसार यह संख्या 2 लाख तक पहुंच सकती है.
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