गाजा के नुसेरात शिविर में एक स्कूल को आश्रय स्थल के रूप में उपयोग में लाये जा रहे एक स्कूल पर इजरायल ने हमला कर दिया, जिसमें 17 फिलिस्तीनी मारे गए. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मरने वाले में एक 11 महीने का बच्चा भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक 32 लोग घायल हैं, जिसमें से कई की हालत गंभीर है.
यह पहली बार नहीं है जब इजरायली सेना ने ऐसे स्कूल को निशाना बनाया है, जिसमें हजारों विस्थापित परिवार रहते हैं. अस्थायी शिविरों और शेल्टर होम पर भी कई बार हमला किया गया है. इन हमलों में अक्सर महिलाएं और बच्चे मारे जाते हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में 42,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या आधे से अधिक है.
इजरायली सेना का कहना है कि उसने बिना सबूत दिए 17,000 से अधिक लड़ाकों को मार गिराया है. इस युद्ध के कारण गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी लगभग 90 फीसदी विस्थापित हो गई है. कई इलाकों को मलबे मं तब्दील कर दिया गया, जिस वजह से सैकड़ों लोग टेंट के कैंप में रहने के लिए मजबूर हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार (23 अक्टूबर 2024) को इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक पर एक पत्रकार और पूर्व कैदियों सहित कम से कम 18 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया. फिलिस्तीनी कैदी सोसायटी के अनुसार, गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 11,400 से अधिक हो गई है.
रूस के कजान में आयोजिच 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि गाजा में युद्ध विराम और लेबनान में युद्ध के प्रसार को रोकने का प्रयास करना होगा. शी जिनपिंग ने जोर देकर कहा, “फिलिस्तीन और लेबनान में अब और विनाश नहीं होना चाहिए. हमें शांति के लिए एक स्थिर फोर्स बनाने के लिए एक साथ आगे आना चाहिए.”
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