ट्रंप के सत्ता में आने से पहले ही नेतन्याहू ने कर ली थी ईरान पर स्ट्राइक की प्लानिंग!

Must Read

Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच तनाव लगातार उबाल पर है, लेकिन अब वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट ने इस टकराव के पीछे की प्लानिंग से पर्दा उठा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अप्रैल में मुलाकात करने से पहले ही ईरान पर हमला करने का फैसला कर लिया था. यह हमला किसी अचानक मिली खुफिया सूचना के आधार पर नहीं, बल्कि महीनों पहले बनाई गई रणनीति का हिस्सा था.

ईरान पर हमले की तैयारियां पहले से चल रही थीं
अक्टूबर 2024 में इजरायली वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने ईरान की हवाई सुरक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया था और हिज्बुल्लाह को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया गया था. इजरायली एजेंसियों ने ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों की एक हिट लिस्ट तैयार की, जिससे यह स्पष्ट था कि हमला महज समय का इंतजार कर रहा था. मार्च 2025 तक, इजरायल इस नतीजे पर पहुंच चुका था कि चाहे अमेरिका साथ आए या नहीं, जून तक ईरान पर हमला करना ही होगा.

नेतन्याहू के आदेश- “वैज्ञानिकों को खत्म करो”
इजरायली टीवी पर नेतन्याहू ने साफ शब्दों में कहा, “हम वैज्ञानिकों को निशाना बनाएंगे और उन्हें खत्म करेंगे.” मोसाद ने वर्षों से ईरानी वैज्ञानिकों की निगरानी की थी. एक गुप्त ऑपरेशन के तहत ड्रोन और मिसाइल लॉन्चर ईरान भेजे गए, जिससे कम से कम 10 वरिष्ठ वैज्ञानिकों की हत्या की गई. साथ ही ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को गहरी क्षति पहुंची. यह हमला कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं था, बल्कि महीनों पहले लिए गए फैसले का क्रियान्वयन था, जिसे अंतिम रूप केवल दो हफ्ते पहले दिया गया.

अमेरिका का विरोध और ट्रंप की अलग राय
हालांकि इजरायली खुफिया एजेंसियों को संदेह था कि ईरानी वैज्ञानिक दोबारा परमाणु हथियारों पर काम कर रहे हैं, अमेरिकी खुफिया समुदाय  का मानना था कि तेहरान ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. इसके बावजूद, डोनाल्ड ट्रंप ने इन आकलनों को खारिज करते हुए कहा कि ईरान परमाणु बम हासिल करने के “बहुत करीब” है.

पूर्व इजरायली खुफिया अधिकारी डैनी सिट्रिनोविच ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, “हमें कूटनीतिक रास्ते को भी एक मौका देना चाहिए था. ऑपरेशन से हमें सैन्य सफलता तो मिली है, लेकिन इसका रणनीतिक जोखिम बहुत भारी है.”

30 वर्षों से नेतन्याहू का एक ही लक्ष्य
नेतन्याहू पिछले तीन दशकों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा मानते आ रहे हैं. उनके एक सलाहकार ने यहां तक कहा कि “जिन वैज्ञानिकों को हम देख रहे थे, अब उनमें से ज्यादातर नरक में हैं.”

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -