डोनाल्ड ट्रंप या जो बाइडेन नहीं इस एक शख्स ने रुकवा दी इजरायल-हमास जंग

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Israel-Hamas Ceasefire Qatar PM : आज का दिन दुनियाभर के लिए एक खुशखबरी लेकर आया है. दुनिया से इजरायल और हमास के बीच 15 महीने से जारी भयंकर युद्ध का अंत हो गया. 15 महीने तक हुए कत्लेआम से गाजा की धरती खून से लाल हो चुकी है, लेकिन अब दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौता यानी सीजफायर पर सहमति बन चुकी है. इस बात की पुष्टि खुद उस शख्स ने की है जिसके कारण यह संघर्ष विराम समझौता सफल हो पाया है.

उल्लेखनीय है कि इस शख्स की भूमिका इस भयंकर युद्ध को रोकने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रही है, जिसने अपनी धरती पर संघर्षरत दोनों देशों को बैठाकर बातचीत करने को मजबूर किया. यहां तक कि खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी उनकी बात को नहीं काट पाए और हमास ने भी उनपर पूरा भरोसा जताया है. आइए आपको बताते हैं कि 15 महीने से जारी भयंकर युद्ध को रोकने में प्रमुख भूमिका निभाने वाला शख्स कौन है?

इजरायल और हमास ने किस पर जताया भरोसा?

अगर आप इस जंग को रोकने के लिए डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन का नाम सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं. दरअसल, इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता सफल कराने में खुद कतर के प्रधानमंत्री ने प्रमुख भूमिका निभाई है. जी हां. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी के कारण इन दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हो पाया है. कतर के पीएम की वजह से ही इजरायल और हमास दोहा में मीटिंग करते रहे. जिसमें आखिरकार सफलता मिली और युद्ध का अंत हो गया.

कब से लागू होगा युद्ध विराम समझौता

कतर के प्रधानमंत्री ने गाजा में 15 महीने से जारी युद्ध को खत्म करने की घोषणा की. उन्होंने कहा, “इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता रविवार (19 जनवरी) से लागू होगा.” इस बात को खुद इजरायल और हमास ने भी कन्फर्म किया है.

इजरायल और हमास के बीच हुए इस सीजफायर के तहत हमास की ओर से चरणबद्ध तरीके से बंधकों को रिहाई होगी. वहीं, इजरायल में सैकड़ों फिलीस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया जाएगा औऱ गाजा में विस्थापित लोगों को वापस लौटने की अनुमति देना भी शामिल है.

कतर ने सीजफायर में कैसे निभाई प्रमुख भूमिका?

इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम यानी सीजफायर समझौता कराने में कतर ने सबसे प्रमुख भूमिका निभाई. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने इसके लिए पूरी कोशिश की. बता दें कि कतर ही वह देश है, जिस पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को भी भरोसा था और हमास को भी. इसके अलावा कतर पर अमेरिका को भी पूरा भरोसा था. हालांकि इस युद्ध को रुकवाने में भारत समेत कई अन्य देशों ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई है.

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