पूर्व जिहादी को ट्रंप सरकार में बड़ी जिम्मेदारी, PAK में लश्कर के ट्रेनिंग कैंप का किया था दौरा

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डोनाल्ड ट्रंप सरकार में पूर्व जिहादी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिनके नाम हैं इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ. इन पर आरोप है कि साल 2000 में इन्होंने कथित तौर पर आरोप पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा के ट्रेनिंग कैंप का दौरा किया था.

अमेरिका की खोजी पत्रकार लूरा लूमर की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में 2 पूर्व जिहादियों को नियुक्त किया गया है, जिसकी घोषणा आधिकारिक व्हाइट हाउस वेबसाइट पर की गई है. इस्माइल रॉयर और जायतुना कॉलेज के सह-संस्थापक शेख हमजा यूसुफ दोनों को इस्लामिक जिहादियों से जुड़े होने के बावजूद सूचीबद्ध किया गया है.

‘इस्माइल रॉयर ने 20 साल जेल काटी’
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया मैंने विशेष रूप से इस घोषणा की रिपोर्ट की है कि इस्माइल रॉयर एक जिहादी जिसने अमेरिकियों को निशाना बनाने वाली आतंकवादी गतिविधियों के लिए 20 साल जेल की सजा काटी, उसे आज व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स के सदस्य के रूप में घोषित किया गया है. मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि शेख हमजा यूसुफ भी एक जिहादी है जिसने जिहाद की सही परिभाषा के बारे में झूठ बोला है और वह मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास से जुड़ा हुआ है. 

‘पुलिस अधिकारी की हत्या के दोषी के लिए फंड जुटाने में नाम’
उन्होंने बताया कि 9/11 से दो दिन पहले यूसुफ ने जमील अल अमीन के लिए एक फंड रेजर में बात की, जो एक पुलिस अधिकारी की हत्या के लिए ट्रॉयल पर था. अपने भाषण के दौरान यूसुफ ने अमेरिका पर एक नस्लवादी देश होने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अल-अमीन को फंसाया गया था. अल-अमीन को अगले वर्ष हत्या का दोषी ठहराया गया था. यूसुफ ने यह भी कहा कि शेख उमर अब्देल रहमान, जिसे 1990 में न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक स्थलों पर बम विस्फोट करने की साजिश में दोषी ठहराया गया था, पर अन्यायपूर्ण तरीके से मुकदमा चलाया गया.

अमेरिका की खोजी पत्रकार लूरा लूमर के मुताबिक इस्माइल रॉयर एक मुस्लिम ब्रदरहुड हमास जिहादी जिसे DOJ ने आतंकवादी शिविर में प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान की यात्रा करते हुए पाया था और जो वर्जीनिया जिहादी नेटवर्क का हिस्सा था, जिसने अमेरिका पर हमला करने के लिए इस्लामी आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया था और जिसकी FBI द्वारा जांच की गई थी. अब वह व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में शामिल है, जिसकी आज घोषणा की गई.

‘अमेरिका के खिलाफ रची युद्ध की साजिश’ 
उन्होंने आगे बताया कि 2003 में रॉयर पर आतंकवाद से संबंधित आरोपों में अभियोग लगाया गया था, जिसमें अमेरिका के खिलाफ युद्ध की साजिश और अल-कायदा और लश्कर की मदद करना शामिल था. उसने 2004 में विस्फोटकों के उपयोग में सहायता करने और बढ़ावा देने का दोष स्वीकार किया, जिसके लिए उसे 20 साल की सजा मिली और उसे 13 साल की सजा हुई.

उन्होंने आगे बताया कि आज व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि ट्रंप प्रशासन ने अपने धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों का नाम दिया है. यह संभवत राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से नहीं बल्कि उनके कर्मचारियों ने किया था. मुझे संदेह है कि राष्ट्रपति ट्रंप इसमें शामिल थे. व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में नामित व्यक्तियों में से एक इस्माइल रॉयर है.

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