कनाडा से कतर और अमेरिका से चीन तक, जानें साल 2024 में कहां दिखी भारत की ताकत और कहां लगा झटका

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India Relations In Year 2024: भारत ने साल 2024 में वैश्विक स्तर पर कई उपलब्धि भी हासिल की और कई विवादों का भी सामना किया. ये साल इसलिए भी खास रहा क्योंकि इस बार पीएम मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आए और देश समेत दुनिया को ये संदेश दिया की उनकी जनता उनसे कितना प्यार करती है. उन पर विश्वास करती है कि पीएम अपने राजनीतिक अनुभवों के इस्तेमाल से भारत को जल्द ही वैश्विक ताकत बना देंगे. इसका सबूत भी देखने को मिला जब भारत दुनिया की 5वीं आर्थिक ताकत बनी.

2024 में भारत ने कूटनीतिक परिस्थितियों का सामना किया, जिसमें क्षेत्रीय विवाद और वैश्विक संबंधों के उतार-चढ़ाव शामिल थे. चीन, बांग्लादेश, कनाडा, और ईरान जैसे देशों के साथ संबंधों ने इस वर्ष की कूटनीति को चुनौतीपूर्ण और निर्णायक बना दिया.

भारत-बांग्लादेश संबंध
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का पद से हटना और उसके बाद की राजनीतिक उथल-पुथल ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को नया मोड़ दिया. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी. अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की. बांग्लादेश ने इसे “आंतरिक मामला” बताते हुए भारत की चिंताओं को खारिज कर दिया, जिससे संबंधों में और तनाव बढ़ा.

भारत-कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव में बढ़ोतरी
भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप ने द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर कर दिया. इस बीच राजनयिकों का निष्कासन, वीजा सेवाओं का निलंबन, और व्यापार वार्ताओं में ठहराव देखा गया. नवंबर में टोरंटो में भारतीय समुदाय पर हुए हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. हालांकि, भारत ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ट्रूडो को सबूत पेश करने की चुनौती दी है. फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है.

अमेरिका के साथ रॉ एजेंट विवाद
अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप लगाया. भारत सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे “बिना आधार का” बताया. इसके अलावा इस्लामिक देश ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने भारत में मुसलमानों के साथ हो रहे कथित भेदभाव पर सवाल उठाए. भारत ने इन आरोपों को “गलत जानकारी” करार देकर तीखी प्रतिक्रिया दी. 

भारत की कूटनीतिक जीत
अक्टूबर में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में 54 महीने से चले आ रहे सीमा विवाद का समाधान किया. एलएसी पर 2020 से पहले की गश्ती व्यवस्था को बहाल कर संबंध सुधारने की दिशा में कदम उठाए गए. कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीमा नदियों पर डेटा साझा करने जैसे पहलुओं पर सहमति बनी.

कतर से नौसेना कर्मियों की रिहाई
आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को कतर में मौत की सजा से बचाकर रिहा कराया गया. यह उपलब्धि भारत और कतर के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का संकेत बनी. वहीं, भारत के पड़ोसी मुल्कश्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग का प्रतीक था.

चाबहार बंदरगाह समझौता
भारत ने ईरान के साथ 10 साल का चाबहार बंदरगाह समझौता किया.$370 मिलियन के इस निवेश ने भारत के मध्य एशिया और अफगानिस्तान के संपर्क को मजबूत किया. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 43 वर्षों में पहली बार कुवैत की यात्रा की. यात्रा का उद्देश्य ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देना और व्यापार संबंधों को मजबूत करना था.
 
भारत की कूटनीतिक क्षमताओं का परीक्षण 
2024 में भारत ने न केवल ऐतिहासिक विवादों को हल किया बल्कि उभरते वैश्विक संबंधों को भी संतुलित किया. यह साल भारत की कूटनीतिक क्षमताओं का परीक्षण था, जिसमें चुनौतियों और उपलब्धियों ने भारत के दुनिया भर में प्रभाव को बता दिया.

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