भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देकर अजरबैजान ने जो हरकत की है, उसके बाद उसमें ये डर है कि उसको इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी सकती है. वहां के एक एक्सपर्ट के बयान में ये डर और बौखलाहट साफ नजर आ रही है. अजरबैजान के पॉलिटिकल एक्सपर्ट फहाद माम्मादोव का कहना है कि भारत उसको सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी कूटनीतिक पहुंच को बढ़ा रहा है ताकि वह पाकिस्तान और उसके सहयोगी देशों पर दबाव बना सके.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों की तबाही देखकर पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया था और उसने इसी बौखलाहट में भारत के कई शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले करने की नाकाम कोशिश की थी. इसमें तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर उसका साथ दिया, जिसे लेकर भारत में पाकिस्तान के साथ इन दोनों देशों को लेकर भी काफी गुस्सा है.
पाकिस्तान के दोस्तों को दोषी ठहराने की कोशिश, बोले अजरबैजान के एक्सपर्ट
ये हरकतें करने के बाद अजरबैजान के एक्सपर्ट भारत पर ही आरोप लगाने लग गए हैं कि वह पाकिस्तान के दोस्त देशों को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा है. फहाद माम्मादोव ने कहा, ‘भारत खुद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के परमानेंट मेंबर के तौर पर पेश करके कूटनीतिक पहुंच का विस्तार कर रहा है. उसे क्षेत्रीय और प्रतीकात्मक दोनों तरह से जीत की जरूरत है. पाकिस्तान के साथ तनाव भारत के इन लक्ष्यों को पूरा करता है, लेकिन पाकिस्तान के दोस्तों को दोषी ठहराने का लक्ष्य वह पूरा नहीं कर सकेगा.’
फहाद माम्मादोव जानते हैं कि उनके देश ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने का जो काम किया है उसके बाद अजरबैजान को अपनी इस हरकत की कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि भारत उसको छोड़ने वाला नहीं है तो वह ऐसे उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं. इन बयानों से उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है.
भारत-अजरबैजान ट्रेड पर क्या बोले फहाद माम्मादोव?
फहाद माम्मादोव ने ट्रेड को लेकर कहा कि भारत और अजरबैजान हर साल 1 बिलियन डॉलर का व्यापार करते हैं, जिसमें बड़ा हिस्सा तेल निर्यात का है. उनका कहना है कि अगर भारत ये तेल खरीदना बंद कर देता है तो भी अजरबैजान की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम अपना एक्सपोर्ट रिडायरेक्ट कर सकते हैं, लेकिन अगर भारत कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन करता है तो उस पर पेनल्टी लग सकती है.
फहाद माम्मादोवने कहा कि तेल के अलावा फार्मस्यूटिकल्स, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी और एजुकेशन सेक्टर में भी अजरबैजान और भारत के बीच सहयोग विकसित हो रहा है.
अर्मेनिया से भारत की नजदीकियों पर क्या बोले एक्सपर्ट?
पिछले महीने इंडियन एयरोस्पेस डिफेंस न्यूज (IADN) की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अर्मेनिया ने भारत से 720 मिलियन डॉलर के हथियार खरीदने के लिए डील की है. इन हथियारों में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम आकाश-1S को लेकर भी डील हुई. इसे अजरबैजान में तुर्किए के पूर्व अताशे रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल यूसेन करोज ने बड़े खतरे के तौर पर देखा. भारतीय हथियारों की ताकत बताते हुए उन्होंने अजरबैजान को अलर्ट किया था. अजरबैजान का अर्मेनिया के साथ करीब चार दशक से नागोर्ना-काराबाख इलाके पर कब्जे को लेकर विवाद है.
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