इस अमीर मुस्लिम देश के साथ हजारों करोड़ की डील करेगा भारत, सुनते ही पाकिस्तान को लग जाएगा करंट

Must Read

India Saudi Arabia Oil Refinery Deal: भारत के रिफाइनिंग सेक्टर में अपनी जगह बनाने के लिए सऊदी अरब बड़ा कदम उठाने जा रहा है. यह मुस्लिम देश भारत में दो रिफाइनरी बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा. पहले सऊदी अरब को इस क्षेत्र में दो बार विफलता हाथ लग चुकी है. अब सऊदी अपने तेल के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ऐसे फैसले लेना चाहता है. सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक रिफाइनरी की क्षमता लगभग 90 लाख टन सालाना होगी. इसमें 26% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए अरामको को लगभग 18,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. पीएम मोदी से मिलने के बाद दोनों देशों ने भारत में कारोबार को विकसित करने की दिशा में सहमति जताई है.

सऊदी अरब का भारत के साथ मिलकर काम करने का फैसला महत्वपूर्ण है. इससे पाकिस्तान को आगे चलकर नुकसान उठाना पड़ सकता है. पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में तनाव बढ़ा है. तमाम देशों के साथ साथ सऊदी अरब ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की है.

26% तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए चल रही बात

ईटी ने अक्टूबर 2024 की अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) अपनी अलग-अलग रिफाइनरी परियोजनाओं में सऊदी अरब को शामिल करने पर बातचीत कर रहे हैं. दोनों रिफाइनरी परियोजनाओं में अरामको द्वारा 26% तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. बीपीसीएल आंध्र प्रदेश में अपनी रिफाइनरी-कम-पेट्रोकेमिकल फैक्‍ट्री के लिए रिपोर्ट तैयार कर रही है. इस फैक्ट्री की क्षमता 9-12 मिलियन टन सालाना हो सकती है. 

सूत्रों के अनुसार, 9 mtpa क्षमता वाली सुविधा की लागत लगभग 95,000 करोड़ रुपये हो सकती है. पीसीएल और उसकी सहयोगी को इक्विटी में 33,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. ओएनजीसी के साथ इस तरह का सौदा होने पर लगभग 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ सकता है.

अब तक क्यों नहीं हो पाई डील?

साल 2018 में सऊदी अरामको ने सरकारी रिफाइनरियों के एक ग्रुप इंडियन ऑयल, BPCL और HPCL- के साथ महाराष्ट्र में 60 मिलियन टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी-सह-पेट्रोकेमिकल परियोजना में 50% हिस्सेदारी के लिए करार किया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण में दिक्कत आने की वजह से ये परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई. साल 2019 में अरामको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के तेल-से-रसायन व्यवसाय में 15 अरब डॉलर में 20% हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताई. हालांकि, मूल्यांकन में असहमति के कारण दो साल बाद यह डील कैंसिल कर दिया गया.

‘हत्याओं के लिए जिम्मेदारों को…’, पहलगाम आतंकी हमले पर आया UN का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -