All Party Delegation In Russia: भारत की ओर से हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने आक्रामक रुख अपनाया है. भारत सरकार की तरफ से भेजे गए बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस की राजधानी मॉस्को में द्विपक्षीय संवाद किया, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर गंभीर बातचीत की गई. रूस ने इस मौके पर भारत के साथ समझौताहीन संयुक्त लड़ाई का समर्थन करते हुए स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करता रहेगा.
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने किया. उन्होंने मॉस्को में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा पाकिस्तान आतंकवादियों को बचाने का विकल्प चुनता है. हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. भारत बहुत स्पष्ट है कि जब तक पाकिस्तान हम पर हमला करता रहेगा, हम शांति वार्ता की मेज पर नहीं बैठेंगे.
Honored to engage in a constructive dialogue with H.E. Mikhail Fradkov, former Prime Minister of Russia & Director of RISS, along with MPs as part of our parliamentary delegation. We discussed global security challenges and the collective fight against terrorism.@RajeevRai… pic.twitter.com/uaRHVnhI2T
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) May 24, 2025
डेलिगेशन ने रूस के प्रमुख नेताओं से की बात
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने प्रमुख रूसी नेताओं से भी बात की, जिनमें आंद्रे रुडेंको (उप विदेश मंत्री), मिखाइल फ्रैडकोव (पूर्व प्रधानमंत्री) और संसद के उच्च स्तरीय सदस्य मौजूद थे. इन अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क, हाल ही में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर विस्तृत जानकारी साझा की.
आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं
कनिमोझी ने यह स्पष्ट किया कि भारत का संघर्ष पाकिस्तान के आम लोगों से नहीं, बल्कि वहां पनप रहे राज्य प्रायोजित आतंकवाद से है. उन्होंने भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों नेहरू, वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की ओर से पाकिस्तान से बेहतर संबंधों की कोशिशों को भी रेखांकित किया, लेकिन साथ ही इस बात पर अफसोस जताया कि हर बार भारत को आतंकी हमलों का ही जवाब मिला.
डेलिगेशन में शामिल नेताओं ने क्या कहा?
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य लोगों ने अपनी राय दी, जिनमें APP नेता डॉ. अशोक कुमार मित्तल (AAP) ने कहा कि मैं पंजाबी हूं और पाकिस्तान की यात्रा कर चुका हूं. वहां के लोग अच्छे हैं, पर सरकार और सेना भारत के खिलाफ हैं. पूर्व राजदूत मंजीव पुरी ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सरकार अपने क्षेत्र के आतंकी तत्वों को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिए.
मॉस्को यात्रा का महत्व: वैश्विक मंच पर समर्थन की पुष्टि
रूस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और वैश्विक राजनीति में एक मजबूत शक्ति है. भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि रूस जैसे ताकतवर सहयोगी यह समझें कि पाकिस्तान की आतंक नीति केवल भारत नहीं, वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है. प्रतिनिधिमंडल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर भारत की शांति की संस्कृति को भी दर्शाया.
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