ब्रिटेन, जर्मनी और सऊदी अरब… भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर किसने क्या कहा?

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India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव और नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुई जवाबी कार्रवाई के बाद शनिवार को सीजफायर पर सहमति बनी, जो दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) की बातचीत के बाद संभव हुआ. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले पोस्ट कर इसके बारे में बताया कि दोनों देश सीजफायर के लिए सहमत हो गए हैं. इसके बाद दुनिया भर के तमाम देशों ने इसका स्वागत किया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ट्रुथ सोशल पर यह जानकारी साझा की कि अमेरिका की मध्यस्थता में रात भर चली वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई. यह बयान भारत सरकार के औपचारिक पुष्टि से कुछ घंटे पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया था.

जर्मनी का बयान 

जर्मनी ने इस कदम को “तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़” बताया. बर्लिन ने कहा कि हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच जो हालात बने थे, उनसे निपटने के लिए यह सहमति एक सकारात्मक पहल है.

यूरोपीय यूनियन की प्रतिक्रिया 

यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि काजा कैलास ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने तनाव को नियंत्रित करने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है. उन्होंने यह भी साझा किया कि उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार से इस विषय पर संवाद किया है.

ब्रिटेन का समर्थन 

ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने सीजफायर के निर्णय को शांति के लिए उपयोगी और सामूहिक हित में बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश इस समझौते को निभाएंगे और आगे भी कूटनीतिक रास्ता अपनाएंगे.

सऊदी अरब की प्रतिक्रिया 

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते का स्वागत करते हैं. उन्होंने शांति बहाली की आशा जताते हुए यह भी कहा कि यह कदम पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए सकारात्मक है.

पाकिस्तान का उल्लंघन और भारत की प्रतिक्रिया 

सीजफायर की औपचारिक घोषणा के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने एलओसी पर गोलाबारी कर युद्धविराम का उल्लंघन कर दिया. भारतीय सेना ने इस हमले का कड़ा जवाब दिया और जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक पाकिस्तान द्वारा भेजे गए कई ड्रोन हमलों को नाकाम किया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस उल्लंघन को गंभीरता से लिया है और स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को किसी भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान को चाहिए कि वह स्थिति की गंभीरता को समझे और संयम बरते. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत शांति चाहता है लेकिन किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.

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