India Pakistan Ceasefire News: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर को पाकिस्तान सेना ने ‘फैमिली मैन’ बताकर खुद को एक बार फिर दुनिया के सामने झूठा साबित किया. खुद को पाक साफ साबित करने के चक्कर में शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तान की कलई खोल दी. उनके दावे ने ही जता दिया कि उनका मुल्क आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देता है.
भारत-पाक के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद, पाकिस्तान की सेना प्रेस को ब्रीफ कर रही थी. इसी दौरान एक पत्रकार की ओर से आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ के बारे में सवाल किया गया. इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान की सेना ने उसे आतंकी मानने से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘वह आतंकवादी नहीं फैमिली मैन है.’ पाकिस्तान यह भूल गया कि उसका झूठ पकड़ा जाएगा. पाकिस्तान ने जिसे फैमिली मैन बताया, उसे अमेरिका ने विशेष रूप से नामित ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया है. इस आतंकी का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद पाकिस्तान ने बस अपनी छवि को बचाने का काम किया.
भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया. भारत की इस कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ जनाजे में शामिल है और उसके पीछे पाकिस्तानी आर्मी के लोग दिखाई दे रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर हाल ही में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान के कथन पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘वे दावा करते हैं कि 7 मई को हुए हमलों में केवल नागरिक मारे गए थे. हमने यह बात बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि 7 मई की सुबह सभी हमले सावधानीपूर्वक चयनित आतंकवादी ढांचे, आतंकवादी लक्ष्यों के खिलाफ थे.’
पाकिस्तानी सेना ने हाफिज अब्दुर रऊफ को अब्दुर रऊफ अजहर के साथ जोड़कर इस मुद्दे को भ्रमित करने की भी कोशिश की है, जो मसूद अजहर का एक और भाई और जैश-ए-मोहम्मद का एक वरिष्ठ कमांडर था, जिसे कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर में मार दिया गया था. उन्होंने सवाल उठाया कि भारत की ओर से मृत घोषित किए गए किसी व्यक्ति का उसी दिन अंतिम संस्कार कैसे किया जा सकता है. हालांकि, दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं, दोनों ही अंतरराष्ट्रीय निगरानी सूची में हैं.
जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन प्रमुख रऊफ अजहर 1999 के आईसी-814 अपहरण का मुख्य मास्टरमाइंड था और उसने 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा बम विस्फोट में केंद्रीय भूमिका निभाई थी. इस बीच, अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी ने आतंकवादियों को संस्थागत समर्थन के आरोपों को और पुख्ता किया.
पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान झूठा दावा करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर एक पारिवारिक व्यक्ति की है, लेकिन जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति की पहचान पाकिस्तान की ओर से दी गई है, उसकी पहचान अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, हाफिज अब्दुर रऊफ के तौर पर हुई है जो लश्कर-ए-तैयबा और उसके फ्रंट संगठनों के लिए चंदा इकट्ठा करता रहा है.
पाकिस्तान की ओर से जो कार्ड दिखाया जा रहा है, उसमें आतंकी को वेलफेयर विंग इंचार्ज बताया गया है जिससे वह उसका बचाव कर सके. इससे यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता है और आतंकियों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ बोल सकता है.
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ लश्कर-ए-तैयबा की शीर्ष नेतृत्व टीम में साल 1999 से काम कर रहा है. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वह फंड इकट्ठा करता है. हाफिज अब्दुर रऊफ सीधे लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के अधीन काम करता था, धन उगाहने और प्रशिक्षण कार्यों का प्रबंधन करता था. वह फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का भी प्रमुख व्यक्ति रहा है, जो लश्कर का एक मुखौटा है जो एक चैरिटी के रूप में काम करता है, लेकिन आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करता है. 26/11 मुंबई हमलों के बाद भारतीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर 24 नवंबर, 2010 को अमेरिका ने एफआईएफ और रऊफ दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig
English News