कैसे होगा अगला युद्ध? CDS अनिल चौहान ने दिया जवाब! पाकिस्तान को लग न जाए सदमा

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India Pakistan Tension: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने कहा कि है कि ऑपरेशन सिंदूर ‘कॉन्टैक्ट लेस’ युद्ध था. इस दौरान सेनाओं का किसी तरह का संपर्क नहीं हुआ, लेकिन फिर भी कार्रवाई हो गई. पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया. भारत ने भी इसका करारा जवाब दिया था. अब CDS अनिल चौहान ने संकेत दिया है कि अगला युद्ध किस तरह से हो सकता है. 

CDS चौहान ने हाल ही में शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लिया. उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि विरोधियों को ऑपरेशन सिंदूर से हमारे संयम का अंदाजा लग चुका है. CDS चौहान ने कहा कि भारत को आतंकवाद की वजह से काफी नुकसान हुआ है, लेकिन देश अब इसको लेकर सख्त है. उन्होंने पाकिस्तान को इशारा करते हुए कहा कि भारत किसी भी तरह से आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा.

कॉन्टैक्ट लेस हो सकता है अगला युद्ध

अगर भारत की जंग हुई तो यह ऑपरेशन सिंदूर की तरह ही कॉन्टैक्ट लेस हो सकती है. CDS चौहान ने इसी बात की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि ‘मानव रहित सिस्टम’ और ‘डू इट योरसेल्फ’ का चलन बढ़ गया है. इससे मानवीय नुकसान और आर्थिक नुकसान कम हो रहा है. अब युद्ध में ड्रोन का चलन भी काफी बढ़ गया है. यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध में यह देखने को मिला. भारत और पाकिस्तान ने भी तकनीक का सहारा लिया.

इन ट्रेंड से प्रभावित हो सकते हैं भविष्य के युद्ध

यूक्रेन ने हाल ही में रूस के पर ड्रोन अटैक करते हुए उसके पांच एयरबेस तबाह कर दिए. दूसरी ओर रूस के पास कई घातक मिसाइलें हैं, जिनका अभी उसने इस्तेमाल नहीं किया है. भविष्य के युद्ध सेंसर तकनीक से प्रभावित हो सकते हैं. किसी मानव रहित मशीन में टारगेट को लॉक कर दिया जाएगा और वह सेंसर के जरिए अटैक कर देगी. दूसरा ट्रेंड लंबी दूरी की मिसाइलें बन सकती हैं. 

नॉन-कॉन्टैक्ट वॉरफेयर के हो सकते हैं ये तरीके

  • साइबर युद्ध – साइबर युद्ध की बात करें तो दुश्मन देश के कंप्यूटर नेटवर्क और डेटाबेस को निशाना बनाया जा सकता है. इसके लिए हैंकिंग या फिर मैलवेयर का सहारा लिया जा सकता है. 
  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध – रडार या जीपीएस को जाम किया जा सकता है या इसके जरिए दुश्मन देश को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया जा सकता है.
  • ड्रोन या स्वचालित हथियार – ड्रोन के जरिए दुश्मन देश पर अटैक किया जा सकता है. इससे मानवीय नुकसान कम होगा. 
  • सूचना युद्ध – इसमें प्रोपगैंडा फैलना या गलत खबरें चलाना शामिल है. दुश्मन देश का मनोबल तोड़ने में सहायक साबित हो सकता है.
  • हाइपरसोनिक हथियार – अत्यधिक तेज गति की मिसाइलें डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सफल हो सकती हैं. लिहाजा इसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

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