INS Tushil: समुद्र में भारत की ताकत और ज्यादा बढ़ने वाली है. नवीनतम स्टील्थ मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील जल्द ही भारत आने वाला है. ये रूस के कलिनिनग्राद से 17 दिंसबर 2024 को भारत के लिए रवाना हुआ था.
अधिकारियों ने जानकारी देते बताया कि फरवरी मध्य में आईनएस तुशील देश के पश्चिमी तट पर पहुंचने की उम्मीद है. रूस में बने इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना में शामिल कराया था.
पश्चिमी बेड़े का बनेगा हिस्सा
आईएनएस तुशील को लेकर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मुंबई स्थित पश्चिमी बेड़े का हिस्सा होगा. अधिकारियों आगे बताया कि आईएनएस तुशील भारत पहुंचने से पहले पश्चिमी अफ्रीकी तट से दूर गिनी की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त भी करेगा.
जानें क्या है खास
तुशील परियोजना 1135.6 का एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है और ऐसे छह जहाज पहले से ही सेवा में हैं. इसमें लगभग 26 फीसदी स्वदेशी सामग्री है, जो पिछले टेग-श्रेणी के फ्रिगेट से दोगुनी है. इस युद्धपोत में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस (भारत-रूस का संयुक्त उद्यम) और नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स (टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) सहित 33 फर्मों ने योगदान दिया है.
आईएनएस तुशील को सभी चार आयामों (वायु, सतह, पानी के नीचे और विद्युत चुंबकीय) में नौसैनिक युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम में नीले पानी के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. यह कई प्रकार के उन्नत हथियारों से सुसज्जित है, जिनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, उन्नत रेंज वाली सतह से हवा में मार करने वाली श्टिल मिसाइल,उन्नत मध्यम दूरी की वायु और सतह रोधी बंदूकें, ऑप्टिकली नियंत्रित निकट दूरी की तीव्र फायर गन प्रणाली, टारपीडो, रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार सूट शामिल हैं.
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