US Trump Tariff News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 26% शुल्क लगाने के बावजूद, भारत सरकार जवाबी शुल्क लगाने के बजाय अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को शीघ्रता से अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
सरकार ट्रंप के कार्यकारी आदेश में मौजूद एक महत्वपूर्ण प्रावधान पर भरोसा कर रही है, जो उन देशों को राहत प्रदान करता है जो गैर-पारस्परिक व्यापार व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं.
रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा
रॉयटर्स से बात करते हुए एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 26% टैरिफ (शुल्क) लगाने के बाद भारत फिलहाल कोई जवाबी कार्रवाई यानी अमेरिका पर टैरिफ लगाने की योजना नहीं बना रहा है. इसके बजाय भारत अब अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को जल्दी से पूरा करने पर ध्यान दे रहा है.
अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार ट्रंप के उस आदेश पर भरोसा कर रही है, जो कहता है कि जो देश व्यापार में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें टैरिफ से कुछ राहत मिल सकती है. ट्रंप के इस फैसले से दुनिया के बाजारों के साथ-साथ भारत के शेयर बाजार में भी गिरावट आई है. सिर्फ दो दिन में सेंसेक्स 1.6% नीचे गिर गया.
भारत इस बात से है संतुष्ट
एक और सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि भारत इस बात से संतुष्ट है कि वह अमेरिका के साथ व्यापार समझौता शुरू करने वाले पहले देशों में से एक है. अमेरिका के टैरिफ फैसले का असर एशिया के कई देशों पर पड़ा है. चीन पर 34%, वियतनाम पर 46% और इंडोनेशिया पर 32% का भारी टैरिफ लगाया गया है. चीन ने जवाब में कहा है कि वह 10 अप्रैल से अमेरिका से आने वाले सभी सामानों पर 34% टैरिफ लगाएगा.
वहीं, इंडोनेशिया ने साफ कर दिया है कि वह कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. वियतनाम, जो अब चीन की जगह एक नया मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात केंद्र बन रहा है, उसने संभावित व्यापार समझौते के तहत अपने टैरिफ को पूरी तरह खत्म करने पर सहमति जताई है.
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