Donald Trump Latest News: अमेरिका से भारत के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, 15 साल बाद, भारत ने 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रमुख स्रोत के रूप में पहला स्थान हासिल किया है. इस तरह भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए अपना स्थान फिर से हासिल कर लिया है.
सोमवार को जारी इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज 2024 पर ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने साल-दर-साल 23% की वृद्धि दर्ज की, जिसके तहत 3.3 लाख से अधिक छात्र अमेरिका भेजे गए. अमेरिका में भारत का यह डेवलपमेंट उसके यूके के प्रदर्शन को दोहराता हुआ नजर आता है. यूके में 2022-23 में भारत गैर-यूरोपीय संघ के छात्रों का शीर्ष स्रोत बन गया था, जिसमें 39% की वृद्धि के साथ 1.7 लाख छात्र पढ़ने गए थे और भारत चीन से आगे निकल गया था. हालांकि, नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह केे फैसले लने की बात अपने पहले भाषण में की थी, उससे आने वाले समय में भारतीयों के सामने कई चुनौतियां आ सकती हैं.
अमेरिका ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स से कमाए 50 बिलियन डॉलर
2023 में अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स से 50 बिलियन डॉलर कमाए, जिसमें से 20% भारतीय थे. अधिकांश भारतीय छात्र (64.5%) सार्वजनिक संस्थानों में नामांकित हैं, जबकि शेष 35.5% निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं. इंटरनेशनल स्टूडेंट्स इकॉनमिक इम्पैक्ट 2023 के अनुसार, 2023 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय छात्रों का योगदान महत्वपूर्ण था, जो 11.8 बिलियन डॉलर कमा रहा था.
यह आंकड़ा क्यों खटक सकता है ट्रंप को
दरअसल, इस बार ट्रंप का फोकस अमेरिका में अवैध रूप से आने वालों को रोकना है. जीत के बाद अपने भाषण में भी वह इस बात को दोहरा चुके हैं. यही वजह है कि वह नियुक्ति करते वक्त ऐसे अफसरों को चुन रहे हैं जो उनके प्लान को सख्ती से लागू कर सकें. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ट्रंप की इस सख्ती का असर वर्क वीज पर वैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों पर भी पड़ेगा. नीचे हम दो पॉइंट में बता रहे हैं कि भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी का असर कैसे ट्रंप की पॉलिसी पर पड़ सकता है.
गुजरात और पंजाब से अवैध तरीके से गए हैं काफी भारतीय
हाल के वर्षों में गुजरात और पंजाब से अवैध क्रॉसिंग के माध्यम से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका गए हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जो मैक्सिको और कनाडा होते हुए अमेरिका पहुंचते हैं. अब जबकि होमन ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं तो ऐसे लोगों के निर्वासन की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
वीजा वाले भारतीयों की भी बढ़ सकती है मुसीबत
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों स्टीफन मिलर को नीति के लिए डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ किया था. मिलर की नियुक्ति अवैध और वैध दोनों तरह के इमिग्रेशन पर लगाम कसने की ओर इशारा करती है. ऐसे में वीजा के साथ अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीयों पर भी इसका असर पड़ सकता है. ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान मिलर ने इसी तरह की आक्रमक नीति अपनाई थी और इस वजह से अमेरिका में बसे हजारों भारतीय परिवारों को दिक्कत हुई थी. कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि इन आंकड़ों को देखकर ट्रंप हो सकता है कि अपनी इमीग्रेशन पॉलिसी को मजबूत करने के फैसले को और सख्ती से लागू करें.
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