संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत को इस देश का मिला समर्थन, जानिए

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विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पुर्तगाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी के प्रति अपना समर्थन दोहराया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पुर्तगाल की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के समापन पर, सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने प्रेस को बताया कि दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पुर्तगाली नेतृत्व ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया है.’’

यूएनएससी में स्थान पाने का हकदार है भारत

भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि वह स्थायी सदस्य के रूप में यूएनएससी में स्थान पाने का हकदार है. भारत का कहना है कि 1945 में गठित 15 सदस्यीय यूएनएससी 21वीं सदी की जरूरतों के लिए उपयुक्त नहीं है और यह समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती.

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने भी किया था समर्थन

इससे पहले चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने बीते बुधवार को भारतीय विश्व मामलों की परिषद आईसीडब्ल्यूए में व्याख्यान देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया. यही नहीं, उन्होंने भारत को प्राथमिकता वाला साझेदार बताया और दक्षिण सहयोग में उसकी भूमिका की सराहना की.

बोरिक फॉन्ट इसी महीने पांच दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे थे

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट इसी महीने पांच दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति बोरिक का स्वागत किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और चिली के संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की.  खास बात यह है कि आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और चिली ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

PM मोदी ने राष्ट्रपति गेब्रियल से मुलाकात की तस्वीरें एक्स पर साझा की

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति गेब्रियल से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की. पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “भारत एक खास मित्र का स्वागत करता है! दिल्ली में राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट की मेजबानी करना हमारे लिए खुशी की बात है. चिली लैटिन अमेरिका में हमारा एक महत्वपूर्ण मित्र है. आज की हमारी बातचीत भारत-चिली द्विपक्षीय मैत्री को और भी मजबूत करेगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, “हम चिली के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के इच्छुक हैं. इस संबंध में, राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट और मैं इस बात पर सहमत हुए कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के लिए चर्चा शुरू होनी चाहिए. हमने महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और कृषि जैसे क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जहां नजदीकी संबंध संभव हैं. खास तौर पर स्वास्थ्य सेवा में भारत और चिली को और भी करीब आने की काफी संभावना है. चिली में योग और आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता खुशी की बात है. सांस्कृतिक और छात्र विनिमय कार्यक्रमों के जरिए हमारे देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.”

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